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श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में खेती एवं खाद से सम्बंधित पाँच दिवसीय वर्कशॉप आयोजित

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रायपुर (विश्व परिवार)। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में खेती एवं खाद से सम्बंधित बहुपरत खेती के महत्पूर्ण बिन्दुओं पर 1 से 5 मई तक पॉँच दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में वक्ता के तौर पर मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक बहु पुरस्कार विजेता और विश्व विख्यात कृषि अन्वेषक आकाश चौरसिया ने छात्रों को पाँच दिनों तक मार्गदर्शित किया, उन्हें जैविक कृषि में नवीन कृषि तकनीकों के लिए जाना जाता है । उन्होंने इन पाँच दिनो में खेती से सम्बंधित जानकारी के लिए सर्वप्रथम मिटटी से सम्बंधित विषय पर जानकारी दी, तत्पश्चात खेती कि अर्थव्यवस्था में बताया कि कैसे एक बीज चार दिनो के अन्दर स्वयं ही सौ बीजों में बदलता है| खेती में बहुत सी समस्या है जिसमें खाद, बीज, पानी, जलवायु, सुरक्षा, जानवरों , बाजार जिनके उपाय एवं नवीनीकरण के बारे में भी बताया गया । उन्होंने बताया की हमारे अंदर प्रतिरोध क्षमता ( रेजिस्टेंस पावर) बहुत होती है, किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए, हमारा शारीर तीन दिन के अंदर ही प्रतिरोध क्षमता उत्पन करता है लेकिन हमारी इम्यूनिटी इतनी कम हो गई है कि प्रतिरोध क्षमता बन ही नहीं रही है,और हम जो एंटीबायोटिक ले रहे है वो फयदा ही नहीं कर रही है,इसलिए हमने सोलर ड्रायर तकनीक को तैयार किया है जिसके माध्यम से हम नार्मल टेम्परेचर में ही पानी को वाष्पित कर सकते है,इस ड्रायर को तीन दिन में फेब्रिकेट करने के बाद उसमे दो या तीन दिन में कोई भी चीज नार्मल टेम्परेचर में ड्राई हो जाति है, दो से पाँच दिन के अन्दर हम किसी भी सब्जी को हाइड्रेट कर सकते हैं| प्रत्येक सब्जी को इस्तेमाल करने का एक यूनिक तरीका है| हमको बहुत सारे अलग अलग प्रयास करके दुनियाभर में अपने खाने के फ्लेवर को पहुँचना है जैसे किसी और देश के लोगो ने अपने सभी जंक फूड्स को पहुँचाया है। 

साथ ही उन्होंने कहा कि किसी एक विज़न को लेकर कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़े एवं अनेक प्रकार के अनाज की खेती करने से अच्छा है कि किसी एक अनाज में फोकस करके उसे विश्व प्रसिद्ध बनाये, जैसे कि आप यदि हल्दी का उत्पादन कर रहे है तो उस हल्दी का उपयोग पूरी दुनिया में हो या टमाटर उत्पादन कर उसका उपयोग पापड़ या रोटी में मिक्स कर एक नया स्वाद के रूप में अपना व्यवसाय कि शुरुवात कर सकते है | खेती में जो भी समस्या आएगी उन समस्याओ का समाधान जो हमने 15 साल के रिसर्च में खोजे है वो भी आप सबसे शेयर करते जायेंगे, खेती को इस रूप में करिए के आने वाले समय में आप का खेत और आप का काम दुनिया के लिए आदर्श बन जाये|  भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए, स्वस्थ भारत कि कल्पना में जैविक रूप देने में आप सब और हम सब को अपना योगदान देना होगा, हमारा एक ही उद्श्ये है कि हर थाली में विष मुक्त अन्न हो एवं हर किसान का खेत जैविक हो।  

वहीं वर्कशॉप के समापन में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के निदेशक ज्ञानेंद्र पीडिया ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि जैविक खेती में पारंपरिक रूप से परिपूर्ण आकाश चौरसिया के द्वारा जो शिक्षा इन पाँच दिनों में दी गई वो बहुत ही महत्वपूर्ण है उन सभी 50 प्रतिभागियों के लिए जो अब प्रशिक्षित होकर कृषि के छेत्र में शिक्षित हो रहे है और आगे भी श्री रावतपुरा सरकार विश्वद्यालय के माध्यम से इस प्रकार के जविक खेती के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करते रहेंगे| यदि ये प्रशिक्षण लेकर इन सभी प्रतिभागियों में से 10 छात्र भी हमारे एक्सपर्ट जैसे बन जाये तो हमारा ये आयोजन करने का उद्देश्य सफल हो जायेगा साथी ही प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में किसी कार्य के करने के चार गुर्ण होते है जिसमें ये तीन परिश्रम, प्रयास, कृपा के पश्चात् चौथा गुर्ण सफलता स्वयं ही प्राप्त हो जाता है | वर्कशॉप के सफल आयोजन के लिए श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम, कुलपति एस.के. सिंह और कुलसचिव डॉ. सी रमेश कुमार ने वर्कशॉप के आयोजक विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी कौशल शर्मा को हार्दिक बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।