Home छत्तीसगढ़ मिशन लाइफ का करें ध्यान, राखड़ निपटान में रहें सावधानः अश्विनी चौबे

मिशन लाइफ का करें ध्यान, राखड़ निपटान में रहें सावधानः अश्विनी चौबे

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केंद्रीय राज्य मंत्री का बिलासपुर प्रवास, विभिन्न विभागों के साथ की समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ व मुफ्त राशन योजना के क्रियान्वयन पर जोर देने की अपील

बिलासपुर – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मिशन लाइफ अभियान देश और समाज के हित में है। इसके लिए सभी को कृत संकल्पित होकर कार्य करना है। इस अभियान के तहत प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा रोकने व पौधरोपण पर बल देने का कार्य प्राथमिकता से करना है। खाद्य सुरक्षा व मुफ्त राशन योजना के लिए भारतीय खाद्य निगम तत्परता से जुटा है। हर पात्र को सही से लाभ मिले ये सुनिश्चित करें। ये निर्देश केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के राज्य मंत्री ने एसईसीएल गेस्ट हाउस में बैठक के दौरान राज्य वन विभाग, आईआरओ, रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी), क्षेत्रीय निदेशालय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल, दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड – बिलासपुर, और कोरबा क्षेत्र के प्रमुख थर्मल पावर प्लांट के अधिकारी, बाल्को, लैको, एनटीपीसी, व एफसीआई के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ यानि पर्यावरण अनुरूप जीवनशैली अपनाने का नाम है। इसके तहत सभी उद्योगों को प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग करने पर ध्यान देना चाहिए।  ईंटों, टाइलों और अन्य ऐसे उत्पादों के निर्माण के लिए संसाधन के रूप में फ्लाई ऐश के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा। एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार की जा सकती है और माई लाईफ पोर्टल पर सुझाई गई अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि भारत पंचामृत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अग्रसर है। 2070 तक भारत जीरो कार्बन नेट लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तत्परता से कार्य कर रहा है। 

इस दौरान मंत्री ने कोरबा और बिलासपुर क्षेत्र में फ्लाई ऐश प्रबंधन की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 18-19 अप्रैल 2022 के दौरान क्षेत्र की अपनी यात्रा के दौरान फ्लाई ऐश प्रबंधन और क्षेत्र में संबंधित मुद्दों और चुनौतियों की स्थिति की समीक्षा की थी। उन्होंने उस दौरान दिए गए सुझाव और उस पर किए गए अमल के बारे में जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि राखड़ प्रबंधन में गत वर्ष के अपेक्षाकृत व्यापक सुधार आया है। कंपनियों द्वारा लेगेसी डंप की शुरूआत की गई है। मंत्री ने राखड़ डंपिंग करने वाले सभी वाहनों पर शत-प्रतिशत जीपीएस लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी मॉनिटरिंग से गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा। उन्होंने राखड़ के सुरक्षित निपटारण के लिए अग्रिम योजना चरणबद्ध तरीके से अपनाने के निर्देश दिए ताकि किसी भी हितधारका को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी हितधारकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी योजना को लागू करने के लिए लोगों की जागरूकता और लोगों की भागीदारी (जन जागरण एव जन भागीदारी) होनी चाहिए, जिसके बिना कोई भी कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राखड़ प्रबंधन के लिए मिशन मोड में केंद्रित कार्य कर और सुधार करने की आवश्यकता है।

स्थानीय समिति का करें गठन

ऐश बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उल्लंघनों से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया कि बांधों की स्थिति की नियमित आधार पर निगरानी करने के लिए राज्य प्राधिकरणों, सीईसीबी, सीपीसीबी, स्वतंत्र विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक स्थानीय समिति का गठन किया जा सकता है। कंपनियां सभी राख तालाबों की जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट सीईसीबी को प्रस्तुत करेंगी। समिति समय-समय पर भौतिक निरीक्षण के साथ रिपोर्ट की समीक्षा कर सकती है और स्थिति के आधार पर संबंधित उद्योग को सभी एहतियाती उपाय करने के लिए कह सकती है। सीईसीबी ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन प्रणाली विकसित करेगा, जिसमें जनता फ्लाई ऐश से संबंधित अपनी शिकायत शिकायतों की रिपोर्ट कर सकती है। इससे चिंताओं के बेहतर निपटान में मदद मिलेगी और प्रणाली की प्रभावकारिता पर जनता की धारणा में सुधार होगा।

सघन पौधरोपण करें कंपनियां

इस दौरान मंत्री ने सभी कंपनियों के प्रमुखों से बारी-बारी आगामी दिनों में पौधरोपण अभियान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने राज्य शासन के साथ समन्वय कर अधिक से अधिक पौधरोपण का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने बारी-बारी से एनटीपीसी, बाल्को, एसईसीएल व एफसीआई के अधिकारियों से लक्ष्य निर्धारित कर सघन पौधरोपण करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नगर वन योजना के तहत छत्तीसगढ़ द्वारा 7 प्रस्ताव भेजे गए। जिन सभी प्रस्तावों को पास कर भारत सरकार ने 1186.82 लाख रुपए की राशि की स्वीकृत की। 

10 हजार करोड़ का अनाज वितरित

इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने भारतीय खाद्य निगम की भी समीक्षा की। उन्हें अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 7 चरणों में 10 हजार करोड़ मूल्य के 28.08 लाख मीट्रिक टन चावल को 2 करोड़ लाभार्थियों में वितरित किया गया है। मंत्री ने योजना के तहत आवंटन होने वाले अनाज के शत-प्रतिशत उठाव का निर्देश दिया। उन्होंने खाद्य निगम के अधिकारियों को व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए ताकि कोई भी गरीब अनाज के उठाव से वंचित नहीं रहे।