Home छत्तीसगढ़ PMEGP योजना के अंतर्गत 544 लाभार्थियों को 25 करोड़ का अनुदान वितरित

PMEGP योजना के अंतर्गत 544 लाभार्थियों को 25 करोड़ का अनुदान वितरित

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गरियाबंद – खादी और ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के माननीय अध्‍यक्ष श्री मनोज कुमार ने मंगलवार को ग्राम नवापारा (कोसमी), जिला-
गरियाबंद में आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय में, छत्तीसगढ़ के महासमुंद लोकसभा सीट से माननीय सांसद श्री चुन्नी लाल साहू की उपस्थिति में, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
(पीएमईजीपी) योजना के अंतर्गत 544 लाभार्थियों के लिए 25 करोड़ रुपये का मार्जिन मनी अनुदान जारी किया। पीएमईजीपी के अंतर्गत इन लाभार्थियों को उद्योग स्थापित करने
के लिए बैंकों द्वारा 74.15 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इन लाभार्थियों द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम से लगभग 5,984 लोगों को अतिरिक्त रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर ग्रामोद्योग विकास योजना के अन्‍तर्गत छत्तीसगढ़ राज्‍य में परम्‍परागत उद्योगों के कामगार और लाभार्थियों को 220 मशीनरी एवं टूलकिट का वितरण किया।
वितरण कार्यक्रम में 100 ईमली प्रशोधन कारीगरों को टूलकिट बॉक्स, 60 कुम्‍हारों को विद्युत चलित चाक, 40 टर्नवुड क्रॉफ्ट एवं 20 इलेक्ट्रिशियन को उपकरण दिये गये।
वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए छत्तीसगढ़ की महासमुंद लोकसभा सीट से माननीय सांसद श्री चुन्नी लाल साहू ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के
नेतृत्व में आज का सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर भारत दुनिया को राह दिखा रहा है। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है, तभी माननीय
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का लोकल टू ग्लोबल विजन साकार हो पाएगा। उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग के प्रयासों से ग्रामीण भारत स्वावलंबन से समृद्धि के पथ
पर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। माननीय अध्यक्ष खादी और ग्रामोद्योग आयोग, श्री मनोज कुमार ने कहा कि पूज्य बापू की प्रेरणा, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और देश के ग्रामीण अंचलोंमें दिन-रात कार्य करने वाले हमारे ग्रामीण कारीगरों को मेहनत से खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों ने उत्पादन, बिक्री और रोजगार सृजन के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पहली बार केवीआईसी के उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। तुलनात्मक रूप से देखें तो पिछले 9 वित्त वर्षों में, ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों द्वारा बनाये गए

स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 332 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 31154 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1,34,630 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है। इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्र में 9,54,899 नये रोजगार का सृजन कर, केवीआईसी ने नया मील का पत्थर स्थापित किया है। माननीय अध्यक्ष, श्री मनोज कुमार ने कारीगरों को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से गांव-गांव तक रोजगार पहुंचाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग लगातार प्रयत्नशील है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा ग्रामोद्योग विकास योजना के अन्‍तर्गत भारतीय परम्‍परागत उद्योगों के कामगारों को टूल एवं मशीनरी का वितरण किया जा रहा है, जिससे परम्‍परागत उद्योगों के कामगारों की आय में वृद्वि से उनके जीवन स्‍तर में व्‍यापक सुधार के साथ-साथ भारतीय परम्‍परागत उद्योगों के संरक्षण एवं संवर्धन से ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती प्रदान की जा रही है। सभा को संबोधित करते हुए अध्‍यक्ष महोदय ने कहा कि देश के यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी जिस आत्मनिर्भर भारत के विजन पर काम कर रहे हैं उसका मंत्र है- हर हाथ को काम, और काम का उचित दाम। इसी मंत्र के साथ आयोग देश के गांव-कस्बों में योजनाओं को लागू कर रहा है। अध्यक्ष महोदय ने बताया कि PMEGP के अंतर्गत मंगलवार को मध्य जोन के जिन 544 उद्यमियों के खाते में 25 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया गया है उसमें 21 उद्यमी छत्तीसगढ़ के हैं, जिन्हें करीब 73.70 लाख रुपए की सब्सिडी दी गई है। इन उद्योगों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के उद्यमी करीब 231 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने आगे बताया छत्तीसगढ़ में खादी और ग्रामोद्योग आयोग से पंजीकृत 29 संस्थाएं हैं जिनके माध्यम से करीब 5360 कत्तिन और बुनकरों को रोजगार मिल रहा है। इसी तरह से वित्त वर्ष 2022-23 में खादी विकास योजना, ग्राम विकास योजना और स्फूर्ति कार्यक्रम के माध्यम से 24431 नये रोजगार का सृजन हुआ है। कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण मौजूद रहे।