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 दसलक्षण महापर्व पर आज उत्तम आर्जव दिवस के साथ रात्रि मे सांस्कृतिक संस्कारी बहु नाटिका का मंचन 

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  • सरलता का भाव-आर्जव :- ब्रह्मचारी पं.अंशुल शास्त्री 

रायपुर – श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड मे पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व के अवसर पर आज तीसरे दिन 21 सितंबर 2023 भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष  तिथि छटमि वीर निर्वाण संमवत २५४९ गुरुवार के दिन उत्तम आर्जव दिवस मनाया गया ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय नायक एवं सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया की प्रतिदिन की तरह आज प्रातः 7 बजे 12 वे तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान का 4 स्वर्ण कलशो सें अभिषेक किया गया आज के सभी प्रथम इंद्र मुकेश जैन श्रुत जैन विवेक अर्पित जैन को अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त हुआ रिद्धि सिद्धि शांति प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य अमृत लाल गौरव जैन को प्राप्त हुआ तत्पश्चात श्री जी की आरती एवं सामूहिक पूजन किया गया सांगानेर राजस्थान सें आये विद्वान ब्रम्चारी  पं. अंशुल शास्त्री ने अपने वक्तव्य मे बताया की  सरलता का भाव-आर्जव आर्जव हमें ‌ हमारे कुटिल भाव से दूर रखता है आर्जव धर्म‌ में हमें अपने मन वचन काय को  एक जैसा रखने के लिए बताता है।मायाचारी व्यक्ति को तिर्यंच गति में ले जाती है इसलिए आर्जव हमें सिखलाता है बालक के समान सरल होना ।सीधी लकड़ी ही चूल्हे में जलाई जाती है टेढ़ी नहीं और भगवान भी सीधे ही मोक्ष जाते हैं।अगर मन वचन के में कुटिलता हो तो आर्जव की उत्पत्ति असंभव है।

 सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी कोषाध्यक्ष लोकेश जैन एवं प्रणीत जैन ने बताया की धार्मिक के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमे 21 सितम्बर को महावीर मण्डल फाफाडीह द्वारा संस्कारी बहु नाटक का मंचन किया गया है संस्कारी बहु एक लघु नाटिका है ,जिसके द्वारा हम समाज को यह संदेश देना चाहते हैं की वर्तमान परिवेश में आज कल की बहुएं किट्टी पार्टी, मोबाइल एवम् अन्य भौतिक संसाधनों में लिप्त होती जा रहीं हैं और धर्म के प्रति रुझान कम होता जा रहा जिसके कारण परिवार में अशांति और कलेश का वातावरण उत्पन्न हो जाता है एवम् परिवार बिखर जाता है। एक संस्कारी बहु किस तरह परिवार को जोड़ सकती है, एवम् घर में सुख, शांति, समृद्धि ला सकती है। यही इस लघु नाटिका का मुख्य उद्देश्य है।साथ ही साथ बड़े मंदिर मे पूरे दस दिनों में बाहर से आए साधर्मी व्यापारी बंधु, छात्र छात्राएं एवं स्थानीय लोग उनके लिए शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था भी बड़े मंदिर मे रखी गई है