Home छत्तीसगढ़ संस्कारों का शंखनाद से दी संस्कारों व धार्मिकता की सीख

संस्कारों का शंखनाद से दी संस्कारों व धार्मिकता की सीख

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  • नाटिका के माध्यम से सेवा, आचरण और धर्ममय जीवन की प्रस्तुति

रायपुर – दिगंबर जैन संप्रदाय के सबसे बड़े पर्व पर्युषण पर धार्मिक चेतना के जागरण और आचरण को विशुद्ध बनाने के लिए प्रतिदिन पूजन, आराधना और सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रमों का क्रम जारी है। इसी कड़ी में डी डी नगर स्थित श्री 1008 वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में संस्कारों का शंखनाद विषय पर शानदार प्रस्तुति दी गई। जिसमें परिवार की बेटियां, बहुएं सहित सभी लोग भौतिकता की चकाचौंध में लिप्त होके परिवार के बड़े बुजुर्गों की देखभाल, उनसे बातचीत न करके उनकी अवहेलना करते हैं और मंदिर में पूजन पाठ, धर्म से दूर होते हैं। विषम परिस्थितियों के आ जाने पर छोटी बहु के संस्कारी होने से धीरे धीरे पूरे घर के लोग धर्ममय जीवन जीने की सीख लेते के दृष्टांत को नाटिका के जरिए बहुत ही मनोहारी, भावपूर्ण और मार्मिक तरीके से प्रस्तुति गया। इस नाटिका में ऋचा, डॉली, ममता, प्रतिभा, अदिति, प्रिया, इतिषा, अंजलि,अमिता, शौर्य ने विविध पात्रों में अभिनय किया। इसकी संयोजक ऋचा जैन थीं। वहीं  दिगम्बर जैन आदिश्वर महिला मंडल द्वारा मालवीय रोड स्थित मंदिर जी मे बूझो तो जाने प्रतियोगिता का आयोजन किया गया , जिसकी प्रभारी अनीता जैन, बर्षा सिंघई, श्रद्धा जैन और अदिति सिंघई रही। कार्यक्रम में अन्वेषा जैन और प्रतिभा जैन द्वारा शानदार मंगलाचरण नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंडल को सम्मानित किया गया ।