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मांगें मानो नहीं तो… पीओके में कश्मीरियों के मोर्चे से बौखलाया पाक, उड़ गई शहबाज शरीफ की नींद…

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पाकिस्तान के कब्जे (पीओके) वाले कश्मीर में गेहूं के आटे और बिजली की ऊंची कीमतों के खिलाफ आंदोलन चरम पर पहुंच गया है।

पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ वहां के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गयी जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

घायलों में अधिकतर पुलिसकर्मी हैं। पीओके में बदले हालात को देखते हुए पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ बौखलाए नजर आ रहे हैं। पाक पीएम ने पीओके की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि दुर्भाग्य से इस स्थिति में राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है।

उड़ी शहबाज शरीफ की नींद
अपने बयान में शहबाज शरीफ ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध लोकतंत्र की खूबसूरती है, लेकिन विरोध के नाम पर कानून हाथ में लेने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने कहा कि सभी पक्षों को पीओके में शांति और व्यवस्था स्थापित करने में भूमिका निभानी चाहिए और प्रशासन को शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए बातचीत के दरवाजे खोलने चाहिए।

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, विवादित क्षेत्र में शनिवार को पुलिस एवं अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं और पूरे इलाके में चक्का जाम कर दिया गया और दूकानें बंद रखी गयी।

मीरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कामरान अली ने डॉन डॉट कॉम को बताया कि पुलिस उप निरीक्षक अदनान कुरैशी की इस्लामगढ़ शहर में सीने में गोली लगने से मौत हो गयी।

कुरैशी वहां अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कोटली और पुंछ जिला होते हुए मुजफ्फराबाद जा रही एक रैली को रोकने के लिए तैनात थे।

उन्होंने बताया कि यह रैली जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के बैनर तले निकाली गयी थी।

शुक्रवार को हड़ताल के बीच पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद के अलग-अलग इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मुजफ्फराबाद एवं पुंछ संभाग पूरी तरह बंद रहा। स्थानीय सरकार ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को बुलाया है।

महंगाई को लेकर कश्मीरियों ने पीओके में खोला मोर्चा
एसएसपी यासीन बेग ने कहा कि कम से कम एक पुलिस अधिकारी और एक युवा लड़का घायल हो गए क्योंकि प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव करने और बोतलें फेंके जाने के बाद पुलिस ने कुछ इलाकों में आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग की।

कोटली के एसएसपी मीर मुहम्मद आबिद ने कहा कि जिले में “विरोध की आड़ में उपद्रवियों के हमलों” में कम से कम 78 पुलिसकर्मी घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में क्षेत्र की स्थिति को लेकर एक आपात बैठक बुलाई है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने हितधारकों को इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के वित्त मंत्री अब्दुल माजिद खान ने कहा कि सरकार ने ”बहुत संयम बरता है और सभी विवादास्पद मुद्दों को शांतिपूर्वक हल करने के लिए बातचीत करने को तैयार है।”

अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सभी जिलों में सार्वजनिक समारोहों, रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।

पीओके के कथित प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने कहा कि सरकार मीरपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरन एक अधिकारी की मौत एवं 70 से अधिक अन्य लोगों के घायल होने के बाद बिजली और गेहूं के आटे की कीमतों में राहत देने के लिए तैयार है।