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अब मालदीव नहीं, श्रीलंका पहुंच रहे भारतीय टूरिस्ट्स; एक बेवकूफी से कैसे तबाह हुए मोहम्मद मुइज्जू…

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भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है।

मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही माले और नई दिल्ली के रिश्ते बिगड़ने लगे थे। मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ वाले नारे की बेवकूफी से पूरा मालदीव तबाह होने लगा।

भारत ने भी मालदीव का जवाब देते हुए बॉयकॉट मालदीव जैसे ट्रेंड्स सोशल मीडिया पर चलाए, जिससे वहां की पर्यटन इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है।

भारत और मालदीव में टेंशन के बीच श्रीलंका को फायदा हो गया है। श्रीलंकाई टूरिज्म मिनिस्टर हरिन फर्नांडो ने बताया है कि भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव के बहिष्कार के आह्वान से श्रीलंका के टूरिज्म इंडस्ट्री पर पॉजिटिव असर पड़ा है।

फर्नांडो ने ‘सीएनबीसी’ से बात करते हुए कहा कि मालदीव में चल रही स्थिति से अनजाने में श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र को फायदा हुआ है।

पिछले साल 2023 में जनवरी महीने में 13,759 भारतीय यात्रियों ने श्रीलंका की यात्रा की थी, जबकि यह इस साल जनवरी में बढ़कर 34,399 हो गया।

वहीं, फरवरी में पिछले साल 13714 लोग श्रीलंका गए थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 30,027 हो गई है।

इसी तरह मार्च में पिछले साल के आंकड़े 18,959 की तुलना में इस बार 31,853 भारतीय लोगों ने श्रीलंका की यात्रा की है। अप्रैल में पिछले साल 19,915 लोग श्रीलंका गए, जबकि इस साल 27,304 भारतीयों ने श्रीलंका की यात्रा की है।

जनवरी में हुए सोशल मीडिया विवाद का संदर्भ देते हुए फर्नांडो ने कहा, “मालदीव मुद्दा… हमारी मदद कर रहा है।” उल्लेखनीय है कि जनवरी महीने की शुरुआत में भारत और मालदीव के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने लक्षद्वीप घूमने जाने की पर्यटकों से अपील की थी।

इसी बीच, मालदीव बॉयकॉट भी ट्रेंड करने लगा था। तभी से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गई है।

श्रीलंका के पर्यटन मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि यात्रा पैटर्न में बदलाव स्पष्ट है। भारत, जो 2023 में मालदीव के लिए सबसे बड़ा मार्केट था, अब चीन, रूस, यूनाइटेड किंगडम, इटली और जर्मनी जैसे देशों के बाद छठे स्थान पर है।

व्यापार और पर्यटन दोनों में श्रीलंका और भारत के बीच मजबूत संबंधों पर प्रकाश डालते हुए फर्नांडो ने श्रीलंका द्वारा भारतीय पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी जोर डाला।

उन्होंने श्रीलंका के बारे में बताया, जिनमें इसके समुद्र तट, कैसीनो,  प्राचीन हिंदू महाकाव्य, रामायण से जुड़े स्थल आदि शामिल हैं।

भारतीय कंपनियां श्रीलंका में कर रहीं निवेश
फर्नांडो ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि 2030 तक भारतीय पर्यटक दुनिया के चौथे सबसे बड़े खर्च करने वाले बनने की ओर होंगे। फर्नांडो ने कहा, “मुझे लगता है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत है और श्रीलंका निश्चित रूप से इससे लाभान्वित हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने द्वीप पर पर्याप्त निवेश किया है। उन्होंने कहा, ”बड़ी होटल श्रृंखला आईटीसी ने भारत से बाहर श्रीलंका में अपना पहला होटल खोला है।

हमने इसे लगभग कुछ सप्ताह पहले ही खोला है, और यह गॉल फेस में एक खूबसूरत संपत्ति है।” उन्होंने देश की राजधानी कोलंबो में समुद्र के किनारे के क्षेत्र का संदर्भ देते हुए कहा कि यह सबसे अच्छी चीजों में से एक है जो मैंने अपने जीवन में देखी है।