निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को देश का बजट पेश करेंगी।
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में असफल रही। एनडीए सरकार की निर्भरता चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पर अधिक है।
यही कारण है कि इस साल के बजट में बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्यों पर केंद्र सरकार मेहरबानी दिखा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ही राज्यों ने 2024 के केंद्रीय बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मांगी है।
रॉयटर्स और एक सूत्र द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, भाजपा के दो प्रमुख सहयोगियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए फंड के अलावा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उधार लेने की सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है।
16 सांसदों वाली टीडीपी और 12 सांसदों वाली जेडीयू ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने में मदद की थी।
इसके बाद से लगातार उम्मीद की जा रही थी कि नायडू और नीतीश भाजपा के लिए किंगमेकर की भूमिका निभाने के बदले में अपने राज्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग करेंगे।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, नायडू ने अकेले ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता मांगी है। टीडीपी सुप्रीमो ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों पर जोर दिया।
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि आंध्र प्रदेश ने अपनी राजधानी अमरावती के विकास के लिए धन मांगा है। इसके अलावा पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए भी राशि की मांग की गई है।
तमिलनाडु ने रखी डिमांड
नायडू विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और अमरावती में मेट्रो परियोजनाओं, एक लाइट रेल परियोजना और विजयवाड़ा से मुंबई और नई दिल्ली तक वंदे भारत ट्रेन के लिए भी धन चाहते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने पिछड़े जिलों के लिए अनुदान और रामायपटनम बंदरगाह और कडप्पा में एक एकीकृत इस्पात संयंत्र जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए समर्थन मांगा है।
बिहार को चाहिए 9 नए एयरपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार नौ नए हवाई अड्डों, दो बिजली परियोजनाओं, दो नदी जल कार्यक्रमों और सात मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए धन मांग रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए दिए जाने वाले बिना शर्त दीर्घकालिक ऋण को लगभग दोगुना करके 1 लाख करोड़ रुपये कर दिया जाए।
अंतरिम बजट में केंद्र ने जीडीपी के 5.1% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा। 6 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच आयोजित किया जाएगा, जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी।
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