नई दिल्ली। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन (डीपीडीए) ने घोषणा की है कि 15 जुलाई से दिल्ली में सभी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) केंद्र बंद कर दिए जाएंगे। इसके वजह इस सेंटरों की संचालन लागत में लगातार बढ़ोतरी और पीयूसी प्रमाणन दरों का 2011 से संशोधित नहीं होना है। डीपीडीए का कहना है कि 2011 के बाद से, पीयूसी दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जिसकी वजह से इसका संचालन करना आर्थिक रूप से अनुकूल नहीं रहा। डीपीडीए का कहना है कि पिछले 8 साल से परिवहन विभाग और दिल्ली के परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर ध्यान दिलाने की कोशिश की गई, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। असोसिएशन का कहना है कि 2011 में यह दरें 70 परसेंट से अधिक बढ़ाई गई थीं। वहीं 13 साल बाद अब दिल्ली सरकार द्वारा घोषित वृद्धि दर केवल 35 परसेंट है। इस दौरान, संचालन की लागत में कई गुना इजाफा हुआ है, जिसमें सैलरी में 3 गुना वृद्धि शामिल है। इसके अलावा ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पीयूसी केंद्रों से कुल राजस्व का 10-15 परसेंट तक किराया वसूल रही हैं, जो पहले नहीं था।