रायपुर : कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी दीपेश टांक और सुधीर अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को नियमित जमानत मिल गई है। रानू साहू एक साल से जेल में बंद है। हालांकि, नियमित जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू का जेल से बाहर आना आसान नहीं है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस रानू साहू को 7 अगस्त तक अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों को परमानेंट जमानत दे दी है। बता दें कि जमानत के बाद भी रानू साहू जेल में ही रहेंगी, क्योंकि EOW मामले में रानू साहू को जमानत नहीं मिली है।
बता दें कि राज्य में 500 करोड़ से ज़्यादा के कोयला घोटाले के आरोप में ईडी ने 21 जुलाई 2022 को रानू साहू के घर पर छापा मारा था और 22 जुलाई को उन्हें गिरफ़्तार किया था. साथ ही कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल को 11 अक्टूबर 2022 को गिरफ़्तार किया गया था. कोयला घोटाला मामले में न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद रानू साहू और सुनील अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।
रानू को जो जमानत मिली है वह ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित है। लेकिन EOW ने रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत भी मामला दर्ज किया है। जिस वजह से वे जेल में बंद है। EOW ने अपनी FIR में बताया है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं।