रिलायंस इंडस्ट्रीज ने विभिन्न करों और शुल्क के माध्यम से वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी खजाने में 1,86,440 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले नौ हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। 2024-25 के लिए सरकार के 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजटीय व्यय लक्ष्य को अगर ध्यान में रखें तो कंपनी का योगदान इसके 3.86 प्रतिशत को वित्तपोषित करने के लिए पर्याप्त है।
यह सरकार के कृषि के लिए नियोजित व्यय से अधिक है, जिसका बजट 2024-25 के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये है। यह लगातार छठा साल है जब समूह का राष्ट्रीय खजाने में योगदान एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2024 तक पिछले सात वर्षों में इसका योगदान अब 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।
रिलायंस पहली भारतीय सूचीबद्ध कंपनी है, जिसने बाजार मूल्यांकन में 20 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। रिलायंस समेकित राजस्व में 10,00,000 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी भी है। वर्ष 2023-24 में उसका शुद्ध लाभ 79,020 करोड़ रुपये के रिकार्ड उच्च स्तर पर रहा। वर्ष 2023-24 के लिए आरआइएल का निर्यात 2,99,832 करोड़ रुपये था।
रिलायंस ने वित्त वर्ष 2024 में आरएंडडी पर 3,643 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। यह वित्त वर्ष 23 में 3,001 करोड़ रुपये के आरएंडडी खर्च से 21 प्रतिशत अधिक था। समाज के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कंपनी ने सामाजिक जिम्मेदारी के मद में कुल 1,592 करोड़ रूपये खर्च किए। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले यह 300 करोड़ अधिक हैं।