दिल्ली सरकार लोगों के लिए तीन मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के साथ एक कॉल सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है ताकि लोग बीमार आवारा जानवरों के बारे में रिपोर्ट कर उनके लिए चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें। विकास विभाग की पशुपालन इकाई के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र स्थापित करने के लिए अनुरोध प्रस्ताव जारी किया है।
पशु मालिकों को पशु चिकित्सा सहायता की जरूरत
एक अधिकारी ने कहा, "दिल्ली सरकार ने पशुधन को उनके दरवाजे पर बेहतर पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए ऐसे मॉडल की संकल्पना की है, जहां पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं और पशु मालिकों को पशु चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "मोबाइल पशु चिकित्सालयों के माध्यम से प्राप्त कॉल पर आवारा जानवरों को भी पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।"
एमवीयू के संचालन के लिए टोल फ्री नंबर होगा जारी
अधिकारी ने आगे कहा कि हेल्पलाइन नंबर 1962 को सक्रिय किया जाएगा और मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के संचालन के लिए एक टोल फ्री नंबर के रूप में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर जानवरों को गुणात्मक, समय पर और विश्वसनीय सेवा प्रदान करने के लिए पूरी परियोजना का मुख्य केंद्र होगा।
उन्होंने कहा, "यह सप्ताह के सभी दिनों में 12 घंटे के आधार पर काम करेगा। कॉल सेंटर का गठन एक पशुचिकित्सक और तीन कॉल अधिकारियों के साथ किया जाएगा, जो छुट्टियों सहित प्रतिदिन दो पालियों में सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक काम करेंगे।"
पशुपालन इकाई के अधिकारी ने कहा कि कॉल सेंटर में आपातकालीन मामलों का आकलन करने और महत्वपूर्ण अनुरोधों को काम के घंटों के दौरान निकटतम उपलब्ध मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई, अस्पताल या डिस्पेंसरी में भेजने के लिए एक पशुचिकित्सक होगा।
सामान्य परिस्थितियों में मौके पर हो सकेगा जानवरों का इलाज
अधिकारी ने कहा, कॉल सेंटर में कॉल और सेवाओं से संबंधित डेटा एकत्र करने के लिए एक समर्पित फीडबैक एवं गुणवत्ता टीम भी होगी और जीपीएस सिस्टम के माध्यम से इकाइयों की आवाजाही की निगरानी भी करेगी। टीम नियमित रूप से सेवा की गुणवत्ता का आंकलन करेगी और सुधार के लिए कदम सुझाएगी।
कॉल सेंटर क्षेत्र स्तर पर किसानों से नियमित फीडबैक लेकर और एमवीयू के माध्यम से किसानों को समय पर सेवाएं प्रदान करके टीकाकरण और टैगिंग के अधिकतम कवरेज का पालन करने के लिए सेवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि जानवरों का इलाज सामान्य परिस्थितियों में मौके पर ही किया जाएगा और जटिल मामलों को इलाज के लिए निकटतम पशु अस्पतालों या पशु आश्रय में परिवहन के लिए दिल्ली नगर निगम को भेजा जाएगा।