अयोध्या के ऐतिहासिक मणिपर्वत स्थल पर पखवाड़े भर चलने वाला सावन झूला मेला शुरू हो गया है. मणिपर्वत स्थल पर प्रमुख मंदिरों से सिया और राम के चल विग्रह रथों पर सुशोभित होकर आए, जबकि कनक भवन के कनक बिहारी जू कहांरों के कंधे पर सवार होकर पहुंचे. साथ चल रहे संत, धर्माचार्य और भक्त वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकते और धार्मिक जयघोष करते चल रहे थे. मेला स्थल पर वैदिक रीति से पूजन के बाद विग्रहों को विशालकाय वृक्षों पर पड़े झूलों पर सुशोभित कर दिया गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने भगवान के विग्रहों को झूला झुलाकर मधुर उपासना के गीतों से भक्तिमय वातावरण सृजित कर दिया.
अयोध्या के सावन मास का प्रसिद्ध मणिपर्वत मेला कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया है. लाखों की संख्या में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने मणि भगवान का दर्शन कर पूजा-अर्चना की और इसके साथ ही अयोध्या के सभी मंदिरों में भगवान का झूलनोत्सव भी शुरू हो गया. सावन मास में मणि पर्वत मेले का अयोध्या में विशेष महत्व है. अयोध्या के सभी मंदिरों से भगवान की पालकी निकलती है और मणि पर्वत में भगवान मणि का दर्शन एवं भगवान मणि को झूला झुला कर वापस अपने मंदिरों में चले जाते हैं. प्रत्येक मंदिर में भगवान का झूला सज जाता है और उसी झूले में झुला कर प्रभु श्री राम व सीता जी की आराधना की जाती है.
अयोध्या ही नहीं, आस-पास के स्थानों में भी सबसे ऊंचाई पर स्थित मणि पर्वत किसी पहाड़ के समान है, जिस पर एक के ऊपर कई पेड़ क्रमबद्ध ऊंचाई में लगे हुए हैं. ठाकुर जी को झूला झुलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और इस पावन मौके पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं.
झूले पर विराजते हैं…
प्राचीन मणिपर्वत पर अयोध्या के मंदिरों में विराजमान भगवान के विग्रह ने झूला झूला. इसी के साथ सभी मंदिरों में भगवान अपने स्थान से झूले पर विराजते हैं. ऐसी मान्यता है कि एक बार सावन में माता सीता अपने मायके नहीं जा पाईं, तो उनके लिए यहीं मणि पर्वत पर झूला डाला गया और यही माता सीता और मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने झूला झूला. तब से सावन मास में माँ सीता प्रभु श्री राम के साथ इसी मणि पर्वत पर झूला झूला करती थीं.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस विश्व प्रसिद्ध सावन मेले के मौके पर अयोध्या पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. भीड़ को नियंत्रण करने के लिए कई जगह से रूट डायवर्जन भी किया गया है. सावन के मौके पर रामनगरी अयोध्या में आयोजित होने वाला यह मेला पखवारे भर चलेगा और देशभर से लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु मंदिरों में हो रहे भजन-कीर्तन कार्यक्रमों का आनंद लेंगे. श्रवण पूर्णिमा-रक्षा बंधन तक अयोध्या में उत्सव सा माहौल बना रहेगा.