तुलसी की माला तो हर कोई धारण करना चाहता है, लेकिन तुलसी की माला धारण करने के नियम क्या हैं और इसे किस तरह से धारण करना चाहिए वह कोई नहीं जानता. अगर आप तुलसी की माला धारण करना चाहते हैं, तो यह नियम पढ़ लें. आपको सुख समृद्धि प्राप्त होगी. तुलसी की माला धारण करने के बाद आपको इन चीजों से दूर होना पड़ेगा.
तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए
सनातन धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना गया है. भगवान विष्णु और कृष्ण की आराध्य है तुलसी. तुलसी की माला हर कोई धारण करना चाहता है, लेकिन इसे धारण करने के बड़े कठिन नियम हैं. तुलसी की माला को अगर गलत तरीके से धारण किया गया, तो आपके परिवार में विपत्ति उत्पन्न हो सकती है. तुलसी धारण करने के सही नियम की जानकारी पंडित अजय तैलांग ने दी. उन्होंने बताया कि तुलसी धारण करने का नियम होते हैं. सबसे पहले तो अपने आराध्य को प्रणाम करें. प्याज, लहसुन, मदिरा, शराब, मांस सभी चीजों का सेवन पूर्णतः बंद कर दें. तुलसी की माला साधारण माल नहीं होती है. साक्षात भगवान हरि विष्णु और कृष्ण की माल है. तुलसी की माला धारण वहीं लोग कर सकते हैं, जो लोग भगवान विष्णु के भक्त हैं. जो लोग भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं. सनातन धर्म में तुलसी की माला को धन की देवी माना गया है. लक्ष्मी का स्वरूप है. तुलसी की माला बुधवार गुरुवार और सोमवार को ही धारण करनी चाहिए.
मन में नहीं आने चाहिए गलत विचार
पंडित अजय तेलंग ने यह भी बताया कि तुलसी की माला को रविवार और अमावस्या को धारण नहीं करना चाहिए. ज्योतिषी के अनुसार माला धारण करने के बाद पर तामसिक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. अपने विचार साफ और स्वच्छ रखने चाहिए. विचारों में कोई भी गंदी भावना नहीं होनी चाहिए. अगर तुलसी की माला किसी कारणवश खंडित हो जाती है, तो तुलसी की माला को उतार कर चलते जल में बहा देना चाहिए. तुलसी की माला पहनने वाले जातक को हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए.