अहमदाबाद। गुजरात एटीएस ने महाराष्ट्र और गुजरात की दो दवा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 831 करोड़ रुपए कीमत की लिक्विड ड्रग्स जब्त की है। एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि 5 और 6 अगस्त को दोनों जगहों से 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। एटीएस के अनुसार, महाराष्ट्र के ठाणे से 800 किलो मेफेड्रोन ड्रग लिक्विड फॉर्म जब्त किया गया, जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 800 करोड़ रुपए के करीब है। वहीं गुजरात के भरूच जिले में एक दवा फैक्ट्री में भी कार्रवाई के दौरान 31 करोड़ रुपए कीमत की लिक्विड ट्रामाडोल जब्त की गई है।
2018 में ट्रामाडोल ड्रग्स को भारत सरकार ने बैन कर दिया था। ड्रग के भारी मात्रा में टेरर ग्रुप तक सप्लाई होने की जानकारी के बाद यह फैसला लिया गया था। ट्रामाडोल को फाइटर ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है। इसका आतंकवादी लंबे समय तक जागने के लिए लेते हैं।
डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि एक विशेष सूचना के आधार पर एटीएस की टीम ने 5 अगस्त को महाराष्ट्र के ठाणे के भिवंडी में एक अपार्टमेंट पर छापा मारा। यहां से 800 किलो मेफेड्रोन ड्रग लिक्विड फॉर्म जब्त किया गया। साथ ही मौके पर मोहम्मद युनूस शेख और उसके भाई आदिल शेख को पकड़ा गया। उन्होंने आगे कहा कि गैरकानूनी तरीके से मेफेड्रोन बनाने के लिए दोनों आरोपियों ने पिछले 9 महीने से महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित एक फ्लैट रेंट पर लिया था। रॉ मटेरियल समेत अन्य सामान को एकत्र करके केमिकल प्रोसेसिंग शुरू किया था। ड्रग का उनका पिछला बैच नहीं बन पाया था लेकिन यह बैच लगभग तैयार हो चुका था। जब छापेमारी की गई तो लिक्विड ड्रग्स को पाउडर फॉर्म में बदला जा रहा था। सुनील जोशी ने कहा कि 18 जुलाई को सूरत के मेफेड्रोन प्रोडक्शन यूनिट पर कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने ही बताया था कि वो दोनों महाराष्ट्र में चल रहे शेख भाइयों के ड्रग्स प्रोडक्शन का हिस्सा है।