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रामकृष्ण मोड़ पर फिर एक्सीडेंट: दुर्घटनाग्रस्त कार में खर्च 55 हजार – राजेंद्र नगर थाने ने FIR करने से किया इंकार : फेना 155 थमाया

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दिनांक 11 सितंबर 2024 को पचपेड़ी नाका से धमतरी रोड आते हुए वाहन कार इकोस्पोर्ट CG 04 LN 8800 अपने साइड से आते हुए सामने चल रही छोटा हाथी टाटा ऐस CG04 MX 4606 से टकरा गई जिससे टाटा ऐस गाड़ी के नियम विरुद्ध वाहन के बाहर खतरनाक तरीके से बनाए गए लोहे का एंगल गार्ड से टकराकर कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई | घटना दोपहर 1:30 बजे के आसपास की है देवपुरी में मध्यान भोजन लाने ले जाने का काम करने वाला छोटा हाथी तेज गति से पचपेड़ी नाका की ओर से देवपुरी की ओर जा रही थी इस गाड़ी के पीछे कार चल रही थी | रामकृष्ण अस्पताल मोड पर अचानक छोटा हाथी का चालक ने बीच सड़क में गाड़ी रोक दिया | अचानक गाड़ी रोकने से पीछे चल रही कार छोटा हाथी से टकरा गई | जिससे फोर्ड कार का सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया | वाहन चालक को थाना चलने को कहने पर ठीक है बोल कर मौके से फरार हो गया | बाद में थाना राजेंद्र नगर से उसे फोन कर बुलाया गया | किन्तु बिना वाहन के वह वाहन चालक आया, पुलिस ने छोटा हाथी चालक नाम मनीष तारक बताया को थाना मांगना भी उचित नहीं समझा | जबकि कार का वाहन चालक दिनभर परेशान रहा | रात 8:00 बजे आवेदन लिया और थाना से 155 फेना काटकर दिया और कहा कि इंश्योरेंस क्लेम कर लेना | हलके वाणिज्यक वाहन नियम विरुद्ध अपने वाहनों में अनेक तरह के मॉडिफिकेशन करा लेते है | छोटा हाथी पूरा लोहे का ही होता है दुर्घटना होने पर इस तरह के वाहनों कुछ भी नुकसान नहीं होता है केवल कारों का ही होता है |
रामकृष्ण मोड पर आधा हिस्सा टिकरापारा थाना और आधा हिस्सा राजेंद्र नगर थाना के अंतर्गत आता है हमेशा उक्त स्थान पर ट्रैफिक जाम रहता है | अस्पताल से निकलने वाले वाहन बहुतायत संख्या में आते जाते है | वहीं उसी मोड़ पर जगदलपुर से आने वाली बसें भी यात्रियों को उतारती है | इतने भीड़ भाड़ वाले स्थान पर न थाना पुलिस और ट्रैफिक पुलिस ध्यान देती है | आसपास गुपचुप ठेला गाड़ी वाले सड़क पर अपना व्यापार करते हैं जिससे ट्रैफिक और जाम होता है | ज्ञातव्य है कि उक्त वाहन चालक प्राय: क्षेत्र में तेजी से उटपटांग तरीके से चलता हुआ दिखता है | कानून व्यवस्था के रखवाले पैसा हमेशा होता देख हमेशा आंख बंद कर लेते हैं दिनांक 11.9.24 की घटना उसी की एक परिणीति है | उक्त मोड पर ट्रैफिक पुलिस तभी दिखती है जब कोई वीआईपी अस्पताल आता जाता है |
नियम विरुद्ध बाइक में साइलेंसर लगाने पर 5 हजार का चालान काटती है और चार पहिया कमर्शियल वाहनों पर नियम विरोध मोडिफिकेशन करने पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है | आरटीओ भी येन केन प्रकारेण रकम लेकर ऐसे वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट भी जारी कर देते हैं | वाहनों के मोडिफिकेशन से सड़क पर चलने वालों के लिए हानिकारक होने पर भी आरटीओ और पुलिस ध्यान नहीं देती है |