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हमला मत कर देना’, इजरायल के खिलाफ ईरान को मिला रूस का साथ; क्या युद्ध में सीधी एंट्री के मूड में पुतिन?

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गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में अब तक करीब 42000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं 97720 घायल हैं। हजारों की संख्या में लापता हैं। मगर अब जंग का दायरा लेबनान और ईरान तक बढ़ गया है। लेबनान में इजरायली हमले लगातार जारी हैं। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर बड़ा हमला कर सकता है।

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‘हमला मत कर देना’, इजरायल के खिलाफ ईरान को मिला रूस का साथ; क्या युद्ध में सीधी एंट्री के मूड में पुतिन?

गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में अब तक करीब 42000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। वहीं 97720 घायल हैं। हजारों की संख्या में लापता हैं। मगर अब जंग का दायरा लेबनान और ईरान तक बढ़ गया है। लेबनान में इजरायली हमले लगातार जारी हैं। इस बीच आशंका जताई जा रही है कि इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर बड़ा हमला कर सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Ajay KumarUpdated: Sat, 12 Oct 2024 10:04 AM (IST)
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अयातुल्ला अली खामेनेई, व्लादिमीर पुतिन व बेंजामिन नेतन्याहू। (फाइल फोटो)

HighLights

  1. इजरायली हमले के खिलाफ रूस ने दी कड़ी चेतावनी।
  2. ईरान पर हमले को दुनिया उकसावे के तौर पर लेगी।
  3. परमाणु कार्यक्रम पर हमला कर सकता है इजरायल।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच रूस ने बड़ा बयान दिया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या पुतिन इस नई जंग में सीधे एंट्री के मूड में हैं। इजरायल के खिलाफ और ईरान के साथ खुलकर रूस आ गया है। रूस ने इजरायल को उकसाने के लिए पश्चिम देशों की आलोचना की। माना जा रहा है कि इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर जवाबी हमला कर सकता है। मगर रूस ने इस हमले से पहले कड़ी चेतावनी दे दी है।

यह भी पढ़ें: लेबनान में शांतिरक्षक बल के ठिकाने पर इजरायल का हमला, दो जवान घायल; UN चीफ ने की निंदा

 

गंभीर उकसावे के तौर पर देखा जाएगा

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लाओस के विएंतियाने में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा इजरायली हमले से क्षेत्र में तनाव बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईरान के असैन्य परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने की कोई धमकी दी गई तो इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय गंभीर उकसावे के तौर पर देखेगा।

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ईरान परमाणु कार्यक्रम का सैन्यीकरण नहीं कर रहा

रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मौजूदा तनाव के बावजूद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सैन्यीकरण किया जा रहा है। हम (रूस) अपना रुख तथ्यों पर आधारित करते हैं। हर देश में आपको ऐसे राजनेता और सांसद मिल जाएंगे जो ऐसे विचार व्यक्त कर करते हैं। मगर यह जरूरी नहीं है कि उनके विचार देश की सरकार की वास्तविक नीतियों से मेल खाते हों। हमने पहले भी यह पैटर्न देखा है।

‘हमला करने की हिम्मत मत करना’

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन पहली बार तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात में शुक्रवार को मिले। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया के ताजा हालात पर भी चर्चा की। जानकारी के मुताबिक दोनों देशों के मध्य ड्रोन व अन्य रक्षा उत्पाद को लेकर 1.7 बिलियन डॉलर का निर्यात समझौता भी हुआ है। पुतिन ने खुलकर ईरान का समर्थन किया और इजरायल को चेतावनी देते हुए पुतिन ने कहा कि, “ईरान पर हमला करने की हिम्मत मत करना।”

ईरान ने इजरायल पर क्यों किया था हमला?

एक अक्तूबर को ईरान ने इजरायल पर एक साथ करीब 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। हमले के बाद ईरान ने कहा था कि यह हमास नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के जनरल अब्बास निलफोरूशान की हत्या का बदला है। इन सभी की जान इजरायली हमलों में गई है।

इजरायल ने खाई हमले की कसम

इजरायल ने ईरान पर बदले की कार्रवाई की कसम खाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल का ईरान पर हमला अधिक घातक होगा। कहा यह जा रहा है कि इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम और तेल संयंत्रों पर हमला करने की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि ईरान ने भी धमकी दी है कि अगर इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तो इस बार वह और ताकत से जवाब देंगे।