नई दिल्ली । अमेरिका से हजारों मील दूर राजधानी में आज राजघाट कैंपस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रोपित मलबार शाहबलूत के पौधे को देखकर यहां आने वाले बहुत से लोग रोमांचित हो रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल पहले 25 फरवरी 2020 को अपनी राजधानी यात्रा के समय यहां एक पौधा लगाया था। उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप भी थीं। ट्रंप ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद जब पौधा लगाया तो उन्होंने इसके बारे में राजघाट के प्रभारी रजनीश कुमार से विस्तार से पूछताछ भी की थी। राष्ट्रपति ट्रंप को बताया गया था कि मलबार शाहबलूत आमतौर पर दक्षिण भारत में पाया जाता है। यह एक सदाबहार पेड़ है। यह पेड़ छोटे, हरे रंग के फूल पैदा करता है। यह धीरे-धीरे बुलंदियों को छूता है। एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप को राजघाट में गांधी साहित्य, उनकी एक छोटी प्रतिमा और चरखा भी भेंट किया गया था। उन्होंने अतिथि पुस्तिका में लिखा था- अमेरिका की चाहत है कि भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरे। ट्रंप और उनकी पत्नी ने राजघाट के इतिहास की भी जानकारी हासिल की थी। ट्रंप ने जिधर पौधा लगाया था उससे दूर नहीं है अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा की तरफ से रोपित बोधि वृक्ष। माना जाता है, बोधगया में बोधि पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तब से बोधि पेड़ का अलग स्थान है। यह शांति का प्रतीक माना जाता है। ओबामा के बोधि वृक्ष के लगभग साथ ही है भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा 1950 में लगाया आम का पौधा। अफसोस कि वो आम का पेड़ कुछ साल पहले राजधानी में आई तेज आंधी में उखड़ गया था। इस बीच, पिछले साल जब यमुना में बाढ़ आई थी तब राजघाट भी कई दिनों तक डूबा रहा था। तब राष्ट्राध्यक्षों की ओर से लगाए गए कई पौधे, जो वक्त के साथ पेड़ के रूप में खड़े थे, नष्ट हो गए थे। पर, जिस पौधे को डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया था वो सुरक्षित रहा था। ट्रंप के कई पूर्ववर्ती जैसे रिचर्ड निक्सन, जिमी कार्टर, बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश और जो बाइडन ने भी राजघाट में आकर पौधे लगाए हैं।