तेज गेंदबाज अंशुल कम्बोज ने शुक्रवार को अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है। अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में हरियाणा की तरफ से खेलते हुए एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का काम किया है। अंशुल ने ये काम लाहली के चौधरी बंसीलाल क्रिकेट स्टेडियम में केरल के खिलाफ मैच में किया।
अंशुल रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सिर्फ तीसरे ही गेंदबाज हैं जिन्होंने एक पारी में 10 विकेट लेने का काम किया है। उन्होंने केरल की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया और एक भी विकेट दूसरे गेंदबाजों को नहीं लेने दिया। अंशुल ने 30.1 ओवरों में 49 रन देकर 10 विकेट लिए। केरल की टीम पहली पारी में 291 रनों ही बना सकी।
इस खास लिस्ट में आया नाम
अंशुल से पहले रणजी ट्रॉफी में एक पारी में 10 विकेट लेने का काम बंगाल के प्रेमांग्शू चटर्जी और प्रदीप सुंदरम ने किया है। चटर्जी ने साल 1957 में असम के खिलाफ जोरहट में ये काम किया था। प्रदीप ने वहीं विदर्भ के खिलाफ 1985 में ये काम किया था। तब से 39 साल बाद अब अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में एक पारी में सभी 10 विकेट लिए हैं। वहीं फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले अंशुल पांचवें भारतीय हैं। देवाशीष मोहंती ने दलीप ट्रॉफी में साल 2001 में एक पारी में सभी 10 विकेट लिए थे। अनिल कुंबले भी ये काम कर चुके हैं।
ये रणजी ट्रॉफी में हरियाणा के गेंदबाज द्वारा किया गया सबसे अच्छा प्रदर्शन है। अंशुल से पहले ये रिकॉर्ड जोगिंदर शर्मा के नाम था जिन्होंने विदर्भ के खिलाफ एक पारी में आठ विकेट लिए थे।
लड़खड़ा गई केरल की बल्लेबाजी
जहां तक केरल की बल्लेबाजी है तो उसके चार बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाए। सबसे ज्यादा 59 रन अक्षय चंद्रन ने बनाए। उनके अलावा रोहन कुनुमल ने 55 और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 53 रनों की पारी खेली। लेकिन इनमें से कोई भी बल्लेबाज अपनी पारी में शतक में तब्दील नहीं कर सका। शॉन रोजर ने 42 रनों की पारी खेली।