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दहेज प्रथा का विरोध कर दूल्हे ने रचाई शादी, समाज में हो रही वाहवाही

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तरावड़ी। गांव पधाणा में दूल्हे ने समाज के लिए एक मिसाल प्रस्तुत की। बिना दहेज शादी की। ससुराल पक्ष से केवल एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को विदा कराकर घर लाया। दूल्हे की इस फैसले की तारीफ हो रही है। यह दुल्हा गांव पधाणा का रहने वाला शमशेर सिंह कश्यप है, जो एनजीओ महिला सशक्तिकरण का प्रदेशाध्यक्ष है।

बीए पास युवक शमशेर सिंह कश्यप ने निगदू क्षेत्र के गांव कोयर माजरा में एक मजदूर की बेटी बीए पास प्रिंयका के साथ रचाए विवाह में शगुन के तौर पर एक रुपया और नारियल लेकर एक मिसाल कायम की है।

जिले की कई धार्मिक ओर सामाजिक संस्थाओं में काम करने वाला शमशेर सिंह कश्यप शुरु से ही लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने के साथ-साथ महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का हिमायती रहा है।

साथ ही दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या और नशे जैसी बुराइयों का कड़ा विरोधी रहा। जब उसके रिश्ते की बात निगदू क्षेत्र के गांव कोयर माजरा की बेटी प्रिंयका के साथ चली तो उसने पहले ही दहेज न लेने की बात स्पष्ट कर दी।

महिला सशक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर सिंह कश्यप के पिता राजकुमार कश्यप ने कहा कि एक शिक्षित युवती से उसके बेटे शमशेर सिंह कश्यप का विवाह होना ही उसके परिवार के लिए सबसे बड़ा दहेज होगा। शमशेर सिंह कश्यप की इस बात से उसके पिता राजकुमार कश्यप समेत परिवार के लोग उत्साहित थे।

गांव पधाणा में सादगी से संपन्न हुए शमशेर सिंह कश्यप व प्रियंका के विवाह समारोह में नवदंपती को आशीर्वाद देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ओएसडी रहे अमरेंद्र सिंह, स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र, कांग्रेस नेता रमेश फुले, सामाजिक कार्यकर्ता संजीवन शर्मा समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने शिरकत की।

वहीं, शादी समारोह के दौरान होने वाले हुड़दंग और हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर हरियाणा की खापों ने नाराजगी प्रकट की है। दरअसल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में पानीपत, जींद और चरखी दादरी में ऐसे घटनाएं हुई हैं कि जिनमें हर्ष फायरिंग के दौरान जानी माल के अलावा मासूमों के दिव्यांग होने तक का दंश झेलना पड़ा है। चरखी दादरी में पिछले दिनों 14 वर्षीय किशोरी की जान चली गई थी। खापों ने इस पर रोक लगाने का एलान किया है।