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समाज में हिंसा और विघटन पैदा करने की कोशिश होती है, तो दुख होता है

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नई दिल्ली। जर्मनी के बाजार में भीड़ पर एक डॉक्टर ने कार चढ़ा दी थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना में कई भारतीय भी घायल हुए थे। अब इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाज में हिंसा फैलाई जाती है तो दुख होता है। 
एक कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु मसीह की शिक्षा प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का जश्न मनाती हैं। यह अहम है कि हम इस भावना को और मजबूत करने के लिए काम करें, लेकिन जब समाज में हिंसा फैलाने और विघटन पैदा करने की कोशिश की जाती है, तो दुख होता है। अभी कुछ दिन पहले हमने देखा कि जर्मनी के क्रिसमस बाजार में क्या हुआ। 2019 में श्रीलंका के चर्चों पर हमला किया गया। मैं कोलंबो में बम विस्फोटों में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने गया था। ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आना बेहद जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह आशा ही है जिसने भारत को गरीबी को काफी हद तक कम करने में मदद की है, अब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि आशा और आशावाद के साथ भारत नई ऊंचाइयों को छुएगा। यह पहली बार है जब कोई पीएम भारत के कैथोलिक चर्च के हेडक्वार्टर में कार्यक्रम को संबोधित कर रहा था।
पीएम मोदी ने कहा कि बाइबिल कहती है, एक-दूसरे का बोझ उठाओ। ईसा मसीह ने दुनिया को दया और बिना शर्त सेवा का उदाहरण दिखाया है। हम क्रिसमस इसलिए मनाते हैं क्योंकि हम इन मूल्यों को अपनी जिंदगी में अपना सकें। अपनी सरकार के नारे, ‘सबका साथ, सबका विकास’ की तुलना ईसाई शिक्षाओं से करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के युवा एक-दूसरे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीसीआई में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, ‘मुझे पोप फ्रांसिस से भी वैसा ही प्यार मिला, जिनसे मैं जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिला था। यह तीन साल में मेरी पोप के साथ यह दूसरी मुलाकात थी। मैंने पोप से भारत आने का भी अनुरोध किया है।