Home छत्तीसगढ़ इंदौर व उज्जैन में बना 10 हजार हेक्टेयर का लैंड बैंक

इंदौर व उज्जैन में बना 10 हजार हेक्टेयर का लैंड बैंक

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भोपाल । अगले साल फरवरी में भोपाल में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 को लेकर मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने निवेशकों को जमीन दिखाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए इंदौर-उज्जैन रीजन में लैंड बैंक का डेटा बेस तैयार हो चुका है। इसके तहत इंदौर व उज्जैन में बना 10 हजार हेक्टेयर का लैंड बैंक बनाया गया है। इसके अलावा धार में भी जमीन आरक्षित की गई हैं। झाबुआ सहित अन्य जिलों में भी लैंड पॉकेट तय किए गए हैं। पीथमपुर सेक्टर 7, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, धार में पीएम मित्रा पार्क के अलावा कई नए एरिया भी विकसित किए जा रहे है।
इसी तरह उज्जैन संभाग में उज्जैन के साथ ही रतलाम, मंदसौर और शाजापुर में भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए डेवलप और अनडेवल्पड जमीनें तैयार हैं। उज्जैन में आईटी पार्क, रेडिमेड गारमेंट के अलावा विक्रम उद्योगपुरी का विस्तार और देवास-मक्सी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 7819 हेक्टेयर जमीन अलग से चिह्नित की गई है। एमपीआईडीसी के मुताबिक इंदौर में 6 से ज्यादा तो उज्जैन रीजन में 10 से ज्यादा नए इंडस्ट्रियल एरिया पर काम जारी है।
किस जिले में जमीनें कहां: इंदौर – 303.599, धार – 2861.16, झाबुआ -387.01, बड़वानी – 21.64, खरगौन – 13.065, बुरहानपुर – 26.97, उज्जैन में 207.73 हेक्टेयर (473.298 हे. का अधिग्रहण होना है) नरवल स्थित विक्रम उद्योगपुरी और मेडिकल डिवाइस पार्क में 107 हेक्टेयर बची है, देवास में 231.81 हेक्टेयर (नेमावर, सिरसोदा में 22 हेक्टेयर), नीमच में 202.78 हे., आगर-मालवा में 86.57 हे., मंदसौर – 1642.93 अभी, 594.93 हे. प्रस्तावित, रतलाम में 1466 हे., शाजापुर में 533.77, मक्सी में 82.68 हे.,देवास-मक्सी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर – 7819.55 हेक्टेयर।

अनुभव खराब, जमीन दी, सुविधाएं नहीं
साल 2006 से मप्र में समिट हो रही है, पर निवेशकों को सुविधाएं पूरी नहीं मिल रहीं। सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस, इन्फोसिस को जमीनें दी गई पर यहां ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा अभी भी पर्याप्त नहीं है। सांवेर रोड, पालदा, राऊ-रंगवासा में सडक़ें खराब हैं। ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइट और ईटीपी की समस्याएं हैं। दिन में 10 से 15 बार बिजली गुल होती है।
साल 2006 से मप्र में समिट हो रही है, पर निवेशकों को सुविधाएं पूरी नहीं मिल रहीं। सुपर कॉरिडोर पर टीसीएस, इन्फोसिस को जमीनें दी गई पर यहां ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा अभी भी पर्याप्त नहीं है। सांवेर रोड, पालदा, राऊ-रंगवासा में सडक़ें खराब हैं। ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइट और ईटीपी की समस्याएं हैं। दिन में 10 से 15 बार बिजली गुल होती है।