Home छत्तीसगढ़ यूनियन कार्बाइड कचरा मामले पर आज मप्र हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

यूनियन कार्बाइड कचरा मामले पर आज मप्र हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

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एमपी हाईकोर्ट: यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीला कचरा आने के बाद पीथमपुर में तनाव का माहौल है। रहवासी इस कदम का विरोध कर रहे हैं, जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा प्लांट के 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

यूनियन कार्बाइड के 358 टन जहरीले कचरे के निपटान से जुड़े मामले की सुनवाई आज यानी सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट करेगा। बता दें, यह कचरा उस फैक्ट्री का है, जहां भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, जिसे सरकार ने धार जिले के पीथमपुर में निपटाने की योजना बनाई है।

उग्र विरोध में आत्महत्या का प्रयास

स्थानीय लोग इस कदम का जमकर विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इस कदम को रोकने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान दो युवकों ने आत्महत्या करने की भी कोशिश की है। लोगों का कहना है कि अगर इस जहरीले कचरे को जलाया गया तो पानी, हवा, मिट्टी दूषित हो जाएगी, जिससे लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इतना ही नहीं, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। जनभावना को सर्वोपरि रखते हुए आगे कोई कदम न उठाने का निर्णय लिया गया है। इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

जबलपुर बेंच करेगी फैसला

आज सभी की निगाहें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा की जाने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, यह फैसला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की अध्यक्षता में लिया जाएगा। वहीं मोहन सरकार भोपाल से पीथमपुर कचरा शिफ्ट करने के मामले पर अपनी प्रगति रिपोर्ट भी पेश करेंगे। जिस तरह से पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध लगातार तेज हो रहा है, उससे लगता है कि सरकार हाईकोर्ट की अनुमति के बिना कोई फैसला नहीं लेगी, भले ही इसमें कुछ समय लग जाए।

एनजीटी में दायर याचिका में मांगी सुरक्षा की गारंटी

अधिक जानकारी के लिए बता दें, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल बेंच में एक याचिका दायर की गई है, याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे एक हलफनामा लें कि कचरा जलाने से आसपास के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही कहा गया है कि कूड़ा जलाने को लेकर जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं और इस बारे में जल्द से जल्द मीडिया में जानकारी प्रकाशित की जाए, ताकि लोग अपनी सुरक्षा का उचित ध्यान रख सकें। सीएम मोहन यादव यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कूड़ा निस्तारण के लिए उठाया जाने वाला हर कदम वैज्ञानिकों और वरिष्ठों की निगरानी में हो। इसके बावजूद जब तक जनता में भरोसा नहीं होगा, सरकार कोई कदम नहीं उठाएगी।