धनबाद। मुख्यमंत्री ने मंईयां सम्मान योजना के तहत दिसंबर माह की बढ़ी हुई ढाई हजार रुपये की राशि महिलाओं के बैंक खाते में 6 जनवरी को ऑनलाइन हस्तांतरित की। कुल 1,415 करोड़ 44 लाख 77 हजार 500 रुपये हस्तांतरित हुए। प्रदेश की 56,61,791 महिला लाभुकों के खाते में राशि पहुंची। वहीं कई महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनके खाते में मंईयां सम्मान योजना की राशि नहीं पहुंची है। योजना का लाभ नहीं मिलने के विरोध में महिलाओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया।
आग के हवाले किए पोस्टर
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों महिलाओं ने बुधवार को अंचल कार्यालय के समक्ष जमकर बवाल किया। आक्रोशित महिलाओं ने रणधीर वर्मा चौक के पास मनईटांड़ और भूदा से जोड़ने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दिया। यही नहीं, अंचल कार्यालय में लगाए गए सरकार की मंइयां सम्मान योजना के पोस्टर को भी आग के हवाले कर दिया।
पुलिस ने महिलाओं को समझाया
आक्रोशित महिलाओं के सड़क पर उतरने के कारण चिरागोड़ा से लेकर विनोद नगर तक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। धनबाद पुलिस ने आक्रोशित महिलाओं को समझाकर जाम को हटाया।
अंचल कार्यालय बंद होने से परेशान
आक्रोशित महिलाओं में विनोद नगर की सुमन देवी ने बताया कि तकरीबन चार दिनों से अंचल कार्यालय का वे चक्कर लगा रही हैं, लेकिन यहां आने के बाद कार्यालय में ताला लटका मिल रहा है, यही हाल आज भी है। कार्यालय में न तो को साहब हैं और ना ही कोई अन्य कर्मचारी। कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि आखिर योजना की राशि अब तक हमारे खाते में क्यों नहीं पहुंची।
फार्म में गलती की वजह से नहीं मिला लाभ
सुमन देवी ने बताया कि कुछ लोगों का कहना है कि फार्म भरते समय ही कुछ त्रुटि हुई होगी। इसे लेकर हम तमाम महिलाएं उपायुक्त कार्यालय भी गए थे, पर वहां के अधिकारियों ने हमें अंचल कार्यालय भेज दिया। कहा कि त्रुटि की जांच अंचल कार्यालय में ही होगी। यहां तो पिछले चार दिनों से तालाबंदी चल रही है, ऐसे में हमारी समस्या का निदान कौन करेगा। हीरापुर की सुनंदा देवी ने बताया कि सुबह आठ बजे से ही अंचल कार्यालय में महिलाओं का जुटना शुरू हो गया था। तकरीबन दस बजे के आसपास अंचल कार्यालय में लगभग 300 के बीच महिलाओं की भीड़ जम गई।
सरकार को दी चेतावनी
सभी अधिकारियों के आने का इंतजार कर रही थीं। जब 11 बजे तक कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे तो सभी महिलाओं ने अपना आपा खो दिया और महिलाएं सड़क पर उतर गईं। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं ऐसी हैं जिनको अब तक एक माह की भी किस्त नहीं मिली है। किसी को सिर्फ दो माह ही पैसे मिले हैं। आशा देवी का कहना है कि सरकार इस योजना के लिए यदि सक्षम नहीं है तो वह इस योजना को पूरी तरह बंद कर दे। किसी को राशि देना और किसी को राशि नहीं देना भेदभाव है। उन्होंने कहा कि आज तो महिलाओं ने पोस्टर जलाया है, सरकार ज्यादा परेशान करेगी तो आंदोलन और भी उग्र होगा।