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कोरिया मिलेट कैफे उद्देश्य के पलट, बना पैसा कमाने का जरिया

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कोरिया मिलेट कैफे उद्देश्य के पलट, बना पैसा कमाने का जरिया

"मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों के लिए मिलेट कैफे का संचालन..किंतु उद्देश्य के विपरीत बना पैसा कमाने का जरिया"

बैकुंठपुर/कोरिया

आज हम खबर के माध्यम से सरकार की महत्तवूर्ण योजना के बारे में बात करेंगे इस योजना के तहत मोटे अनाज की पैदावार एवम पोषक आहार को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार की योजना मिलेट मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने संचालित किया था। मिलेट नाम एक प्रकार के मोटे अनाजों को कहा जा सकता है.. कोदो/कुटकी/रागी मोटे अनाज।

मिलेट मिशन के तहत कोरिया मिलेट कैफे भी संचालित जो दिख रहा उद्देश्य के विपरीत दिशा में

गौरतलब है की प्रधानमंत्री मोदी ने कोरिया मिलेट कैफे की सराहना कर चुके हैं पोषक अनाज अवार्ड के तहत हीना बेगम महिला स्व सहायता समूह जो जिला पंचायत कोरिया से संचालित है किंतु इतनी अच्छी योजना चढ़ने जा रही है भ्रष्टाचार की भेट इस योजना के तहत कैफे में मोटे अनाजों से बने खाद्य पदार्थों की बिक्री होना रहता है और मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जाए जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और अधिक से अधिक मोटे अनाजों की उत्पति किया जा सके लेकिन यह सब इस लिए बताया जा रहा है क्युकी उद्देश्य से उलट कैफे में मोटे अनाजों से बने कोई पदार्थ नहीं बिक रहे हैं बल्कि विक रही है अनापौषक पदार्थ इस लिए यह कहना गलत नही है की राष्ट्रीय स्तर की योजना बनता जा रहा पैसा कमाने का जरिया।

गढ़ कलेवा में नहीं मिल रहे मोटे अनाजों से बने खाद्य पदार्थ

इसी योजना के तहत गढ़ कलेवा भी संचालित हो रहा जिसे प्रमुखता रूप से मोटे अनाजों से बने व्यंजन जैसे सोहारी,चौसेला,ठेठरी आदि व्यंजन भी शामिल है जिसकी बिक्री होना रहता है या फिर दिखावा के लिए तस्वीर टांगे गए हैं।