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सामाजिक बहिष्कार कर हुक्कापानी बंद किया पुलिस की कार्यवाही शून्य

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साहू समाज के द्वारा अरुण कुमार साहू पिता श्री रामकवंल साहू, ग्राम – भटगाँव, पोस्ट -खोरपा, थाना – अभनपुर, जिला – रायपुर (छ.ग.)  निवासी ,पेशे से पत्रकार हैं ग्राम – साहू समाज भटगाँव के अध्यक्ष गुलाब साहू एवं ग्राम – साहू समाज के द्वारा दिनांक 19/01/2025 को सामाजिक बहिष्कार किया गया था जिसकी लिखित शिकायत थाना प्रभारी अभनपुर पुलिस अधिक्षक रायपुर को मेरे द्वारा दिनांक 20/01/2025 को किया था एवं पूर्व में भी 19/01/2023 को लिखित शिकायत किया गया था । विगत दो वर्षों से सामाजिक भय दिखाकर आर्थिक व मानसिक रूप से मुझे नुकसान पहुँचाया जा रहा है । 20,000/- रू. अर्थदण्ड व 5000/- रू. ब्याज की राशि कुल राशि 25,000/- रू. सामाजिक भय दिखाकर मांग किया जा रहा था। विगत 4 वर्षों में कई लोगों को सामाजिक भय दिखाकर लगातार अवैध वसूली व गोरख धन्धा बना लिया है। जबकि नियामानुसार ग्राम – साहू समाज का पंजीयन नहीं है व असंवैधानिक है। प्रदेश साहू संघ 33/61 के अधिनस्थ कार्यकर रहा है। सामादिक नियामवली के अनुसार किसी भी प्रकार का नियम बनाना व अतिरिक्त निर्णय लेने का अधिकार इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। संविधान की धारा 384, 386, 420, जैसे जघन्य अपराध की श्रेणी में भय दोहन, सामाजिक बहिष्कार, अवैध उगाही के श्रेणी में आता है। इस मामले की जाँच कर रहे विवेचनाधिकारी अनिल गंधर्व एस. आई. अभनपुर द्वारा दिनांक 16/01/2025 को दो बार फोन लगाकर पहली बार ब्यान देने के संबंध में बात किया। जबकि मेरे द्वारा 15 दिन पहले ब्यान दिया जा चुका है। उसी दिनांक को दूसरे बार फोन कर शाम 07:00 बजे थाने बुलाया जा रहा था। मेरे द्वारा थाना आने का कारण पुछने पर बताने से इंकार किया और मेरे द्वारा इस मामले के संबंध में विगत दो माह में जाँच कार्यवाही के संबंध में जानकारी लिये जाने पर फोन से नहीं बताऊँगा तथा विगत दो माह में घटना को गंभिरता पूर्वक लिया जाता, सामाजिक नियमावली के पंजी रजिस्टर व आय-व्यय की रजिस्टर पंजी से प्रमाणित हो जाता । लेकिन गवाहों को फोन से मुझे बात कराकर क्या साबित करना चाहते हैं? विगत दो माह से मैं औ मेरा परिवार उसी ग्राम में निवास करता हूँ किराने दुकान में सामान न देना, सामाजिक व्यक्तियों से बातचीत न होना तथा पूर्व में सामाज के 184 व्यक्तियों द्वारा थाना का घेराव किया जाना। पीड़ित और उसका परिवार बेहद कठिन परिस्थिति में गुजर रहा है। इस तरह किसी का सामाजिक  बहिष्कार करना कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है । इस घटने के पुलिस ने गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया। जबकि मेरे द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेन्द्र सिंह से स्वतः दो बार मिलकर घटने की गंभिरता से चर्चाकर पूर्व घटना का समस्त दस्तावेज देकर त्वरित कार्यवाही के लिए निवेदन किया गया था लेकिन आज दिनांक तक कार्यवाही न होना एक संशय की स्थिति बना हुआ है। 19/03/2025 को पत्रकार वार्ता के माध्यम से निष्पक्ष जाँच कार्यवाही की मांग  किया गया है ।