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नगर निगम रायपुर में जॉन 10 में अधिकारियों की मनमानी और अफसर शाही हावी

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नगर निगम रायपुर में जॉन 10 में अधिकारियों की मनमानी और अफसर शाही हावी, नगर निगम जोन 10 के जोन  कार्यालय में शासन बदलने के बाद  भी राजस्व अधिकारियों में अफसर शाही इस कदर शासन बदलने के बा भी हावी है आम जनता की कोई बात नहीं सुन रहे हैं अनेक पर संपत्ति कर देता हूं के द्वारा त्रुटि पूर्ण एंट्री होने के बावजूद वर्षों से घुमाया जा रहा है अफसर अपने मोबाइल में गेम खेलने में मजबूर है 31 मार्च की स्थिति में नगर निगम ने कर संपत्ति कर वसूली करने का लक्ष्य दिया गया है किंतु अफसर कार्यालय में बैठकर मोबाइल में गेम खेलने में मजबूर है आज का आना कल आना परसों आना इस तरह का तरीका ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है जिससे कर देता हूं के बीच सरकार के प्रति अत्यंत नाराजगी देखने को मिल रही है ना पार्षद का ना महापर्व का और नहीं ना ही शासन का ख्वाब में नजर आ रहा है इसी वजह से कर देता हूं का नियमित कर अदा न होकर पेनल्टी लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण करदाता अपना टैक्स जमा नहीं कर पा रहा है एक बार की विकास नगर देवपुरी के माइलस्टोन में का भी मसला है जिसमें उनकी कुल 3000 वर्ग फीट की रजिस्ट्री में ग्राउंड फ्लोर में 37000 स्क्वायर फीट बना बताया गया है प्रथम फ्लोर में 3000 स्क्वायर फीट द्वितीय फ्लोर तीन है 3600 स्क्वायर फीट में निर्मित होता है स्पष्ट रूप से गलती निगम की है तो निगम को सुधारा जाना चाहिए इसके अलावा भी मकान मालिक के द्वारा कहा गया है खेती समय अंतर्गत सुधार नहीं किया जाता है तो इस पर बनने वाला कोई भी पेनल्टी उनके द्वारा भुगतान नगर निगम को नहीं किया जाएगा आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय की शरण में भी जाया जा सकता है जाटव है कि शासकीय निगम टैक्स न्यूनतम होता है अधिकतर लोगों का टैक्स संपत्ति कर उनकी सीमा में ही होता है लेकिन पेनल्टी अधिकार अत्यधिक अधिरोपित होने के कारण वह भुगतान नहीं कर पाते हैं और सालों साल निगम के चक्कर लगाते रहते हैं इसी का खामियाजा और लाभ नगर निगम के अधिकारी अपने अवसर सही करके लाभ उठाते रहते हैं पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में भी इन्हीं अफसर के ऊपर जनप्रतिनिधियों का कोई लगाम नहीं था वही स्थिति इस सरकार में भी देखने को मिल रही है इस विषय में राजस्व अधिकारी राजस्व उपायुक्त नगर निगम श्री राजेंद्र गुप्ता जी से संपर्क करने की कोशिश की गई उनसे संपर्क नहीं हो पाया क्षेत्र में नवीन निर्माण भी हो रहे हैं जिसमें सड़क आदि का पर्याप्त ध्यान नहीं रखा जा रहा है राजस्व अधिकारी हजार 500 रुपए वसूली कर मनमर्जी से निर्माण करने दे रहे हैं जिससे भविष्य में विवाद की स्थिति लगातार बना रही है नगर निगम के गाइडलाइन राजस्व संपत्ति कर गाइडलाइन के मुताबिक बहुत स्थितियों में क्लियर नहीं है इसी का फायदा राजस्व अधिकारी उठाते हैं सीधी का भी वसूली करते हैं छज्जे का भी वसूली करते हैं जबकि नियम में इसके विषय में कोई उल्लेख नहीं है धमकी चमकी कर दो चार 500 1000 रुपए निकालते रहते हैं अनेक विषयों पर संपत्ति कर आयकर छूट जाने प्राप्त है उन्हें संपत्ति कर से भी छूट प्राप्त होने का उल्लेख है लेकिन राजस्व अधिकारी इस विषय पर अपनी मनमानी करते हैं पूर्व वर्षों का सुधार उनके द्वारा अपेक्षित समय पर नहीं किया जा रहा है
सभी नगर निगम के क्षेत्र का जो आउटर साइड में है उनका टैक्स मुख्य मार्ग के टैक्स के अनुसार लगाया जा रहा है जिसके कारण उनकी राशि बढ़ रही है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति इतना जानकारी नहीं होता है कि उसके मकान का टैक्स कितना है कितना बन सकता है जिसके कारण वह अपना टैक्स की गणना नहीं कर सकते हैं फलता विवाद की स्थिति पैदा हो रही है नगर निगम के द्वारा नगर निगम क्षेत्र में जिन क्षेत्र में नगर निगम में कोई कार्य नहीं कराया है उसे वर्ष का टैक्स माफी होनी चाहिए नहीं लेना चाहिए
राज्य सरकार ओपन अधिकारियों के द्वारा किसी प्रकार की गलती होने पर उनके लिए किसी भी प्रकार का सजय कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है जिसके कारण अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं यह प्रक्रिया रुकनी चाहिए