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राकेश सिंह – लोग चाहते हैं नरेंद्र मोदी ही बनें फिर से प्रधानमंत्री

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विधानसभा चुनाव में किसी को उम्मीद नहीं थी कि भाजपा की सरकार नहीं बनेगी। सिर्फ तीन सीटों से भाजपा पीछे रह गई लेकिन अब सब कुछ भूलकर कार्यकर्ता पूरे जोश से मैदान में उतर गए हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुद्दे और मानस भी अलग-अलग होता है। अब ये चुनाव केंद्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर हो रहा है। देश की जनता यह तय कर चुकी है कि नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है। वे ही दोबारा प्रधानमंत्री बनें। लोकसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा को बड़ी जीत हासिल होगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने यह विश्वास जताया है।

मंगलवार को नईदुनिया कार्यालय पहुंचे सिंह ने कहा कि इतने कम समय में किसी भी सरकार के खिलाफ ऐसा विरोधाभासी माहौल बनना संभव नहीं होता, जैसा मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बन रहा है। किसान नाराज हैं क्योंकि कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया गया। युवा नाराज हैं क्योंकि उन्हें भत्ता देने का वादा पूरा नहीं किया गया। अब 100 दिन में देने का आश्वासन दिया जा रहा है। तबादला उद्योग का रूप ले चुका है। इससे शासकीय अधिकारी और कर्मचारी नाराज हैं।

सबसे बड़ी बात इन्हें कोई फर्क भी नहीं पड़ता। सतना में दो बच्चों का अपहरण कर हत्या कर दी जाती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के चेहरे पर शिकन तक नहीं आती। बच्चों के अपहरण के दौरान कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के खिलाफ स्थानीय भाजपा नेता आंदोलन करना चाहते थे लेकिन मैंने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि कहीं बच्चों के जीवन पर खतरा न पैदा हो जाए। उनके साथ कोई दुर्घटना न हो जाए। बच्चों को तीन दिन तक घर के पास ही रखा गया और पुलिस पता तक नहीं लगा पाई। उसके बाद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।

जीतने की संभावना देखकर केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा टिकट : सिंह ने कहा कि जहां तक लोकसभा की बात है तो टिकटों का वितरण केंद्रीय नेतृत्व सोच समझकर और उम्मीदवारों के जीतने की संभावना देखकर तय करेगा। जहां तक विधानसभा चुनाव की बात है तो यदि टिकटों का वितरण और बेहतर तरीके से करते तो स्थिति और बेहतर हो सकती थी।

किसी का टिकट काटना बेहद कठिन कार्य

विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन कहीं न कहीं जीत में रोड़ा बना। लोकसभा चुनाव में इसे कैसे बेहतर करेंगे? इस प्रश्न पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि जब आप टिकटों के वितरण पर बात करते हैं तो यह बेहद कठिन काम होता है कि किसी का टिकट काटा जाए। व्यवस्था को बदलना भी चुनौती होती है। विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बदले भी गए, पहले से ज्यादा बदले गए। पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते मेरा प्रयास भी था कि टिकटों के परिवर्तन और वितरण में मैं कहीं अवरोध न बनूं। मुझे लगता है कि मैंने उस भूमिका का निर्वाह किया।

पूरे उत्साह से जनता के बीच जा रहे’

संगठन में शिथिलता की वजह से विधानसभा चुनाव में नुकसान हुआ, लोकसभा में ऐसा न हो, इसके लिए क्या प्रयास कर रहे हैं? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि भाजपा में सभी चीजें एक निश्चित व्यवस्था और क्रम के आधार पर चलती हैं। अध्यक्ष बदलने से भी पूरी व्यवस्था नहीं बदलती। मेरी कोशिश यही रही कि अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा दौरे करूं और कार्यकर्ताओं से मिलकर उनके मन की बात जान सकूं। मैंने कार्यकर्ताओं को आक्रामक तरीके से दोबारा मैदान में आने के लिए प्रोत्साहित किया। पहले यह माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा अच्छी सीटें नहीं लाने वाली है, लेकिन तीन सीटें ही कम हुईं। हां कुछ विषयों को ठीक से जनता तक पहुंचा नहीं पाए। लेकिन अब कार्यकर्ता इस मानसिकता में आ गए हैं कि हमें सरकार बनाना ही है। इसलिए कार्यकर्ता पूरे उत्साह से जनता के बीच जा रहे हैं।

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