आर्थिक मोर्चे पर काफी पीछे चल रहे पाकिस्तान को अगले दो हफ्तों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान के विदेश मुद्रा भंडार को अगले दो हफ्तों में 4.1 डॉलर मिलने वाले हैं, जिससे उसे थोड़ी राहत मिल सकती है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने शनिवार को कहा कि अगले दो हफ्तों में लगभग 4.1 बिलियन डॉलर (पाकिस्तानी मुद्रा में 8 अरब 18 करोड़ 55 लाख 20 हजार 850 रुपये) की आमद होगी, जिसके बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 12 बिलियन डॉलर हो जाएगा. हालांकि यह राशि लोन के रूप में पाकिस्तान को मिलेगी, जिसका बकायदा ब्याज उसे चुकाना होगा.
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार, पाकिस्तान व्यापार परिषद (PBC) द्वारा आयोजित “फाइनेंसिंग टू सपोर्ट मेक इन पाकिस्तान” पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि 2 बिलियन डॉलर के ऋण के लिए अबू धाबी फंड फॉर डेवलपमेंट (ADFD) के साथ एक समझौता किया गया है और यह राशि अगले सप्ताह मिलने की उम्मीद है. वहीं, चीन भी सप्ताह बाद 2.1 बिलियन डॉलर देगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ADFD से ऋण 3 प्रतिशत की निश्चित ब्याज दर पर मांगा जा रहा है, जबकि चीन से ऋण 2.5 प्रतिशत पर लिया जा रहा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो)
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार अगले पांच वर्षों के भीतर जीडीपी अनुपात में डिपॉजिट को बढ़ाने के लिए उत्सुक है और इसके लिए फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू को अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना होगा.
देश की अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की तत्काल जरूरत को लेकर एक स्पीकर द्वारा किए गए सवाल पर मंत्री ने मौके पर एसबीपी को एफबीआर, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान एवं पाकिस्तान बैंक्स एसोसिएशन के सदस्यों के साथ एक समिति गठित करने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर अपनी सिफारिशें दाखिल करने को कहा.
उन्होंने कहा कि अगर वित्तीय क्षेत्र में पाकिस्तान को प्रगति करनी है तो वित्तीय प्रौद्योगिकी को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि नियामकों को अपने ग्राहक को जानने और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग सिस्टम लगाने की जरूरत है.