Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : उपभोक्ता अधिकारों की लड़ाई लड़ना है तो खरीदारी के समय...

छत्तीसगढ़ : उपभोक्ता अधिकारों की लड़ाई लड़ना है तो खरीदारी के समय जरूर करें ये काम

0

रायपुर। घड़ी चौक स्थित एक मोबाइल शॉप में ब्रांडेड कंपनी का मोबाइल ग्राहक ने खरीदा। अच्छी कीमत चुकाने के बाद भी मोबाइल में तकनीकी दिक्क्तें आ गईं। दुकानदार स्वयं की जिम्मेदारी लेने के बजाय संबंधित कंपनी को दोषी मानते हुए शिकायत करने की बात कही। इसी तरह से पंडरी स्थित चप्पल की दुकान से एक महिला ने चप्पल ली, लेकिन वह एक हफ्ते में ही खराब हो गई। दुकानदार के सारे दावे खोखले साबित हो गए। इसी तरह से दुकान, कंपनी का लोगो लगाकर थैला देने के नाम पर ग्राहकों से पैसा वसूलने को लेकर अक्सर बहस होती है।

इस प्रकार की छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना जीवन में कभी न कभी हम सभी को करना ही पड़ता है, लेकिन अधिकांश लोग ऐसे मामलों में मन ही मन कुढ़ते रहते हैं, दूसरों के सामने बड़बड़ाकर दिल की भड़ास भी निकाल लेते हैं, लेकिन अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ते। दुकानदारों के शोषण से मुक्ति पाने के लिए बहस करने के बजाय, वस्तु, सेवा अथवा उत्पाद का बिल अवश्य लें।

ग्राहक कैसे करें शिकायत

उपभोक्ता अथवा शिकायतकर्ता शिकायत सादे कागज पर कर सकता है। शिकायत में शिकायतकर्ता तथा विपरीत पार्टी के नाम का विवरण, पता, शिकायत से संबंधित तथ्य एवं यह सब कब और कहां हुआ आदि का विवरण करना चाहिए। शिकायत में उल्लेखित आरोपों के समर्थन में दस्तावेज के साथ प्राधिकृत एजेंट के हस्ताक्षर होने चाहिए। इस प्रकार की शिकायत दर्ज कराने के लिये किसी वकील की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही इस कार्य पर नाममात्र का न्यायालय शुल्क लिया जाता है। कई मामलों में शुल्क भी नहीं लिया जाता।

क्या कहता है उपभोक्ता संरक्षण नियम

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 14 में स्पष्ट किया गया है कि यदि मामले की सुनवाई के दौरान यह साबित हो जाता है कि वस्तु अथवा सेवा किसी भी प्रकार से दोषपूर्ण है तो उपभोक्ता मंच द्वारा विक्रेता, सेवादाता या निर्माता को यह आदेश दिया जा सकता है कि वह खराब वस्तु को बदले और उसके बदले दूसरी वस्तु दे तथा क्षतिपूर्ति का भी भुगतान करे या फिर ब्याज सहित पूरी कीमत वापस करे।

कई प्रकरणों में फोरम से मिला न्याय

प्रदेश में बहुत बड़ी आबादी अशिक्षित और अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ है। लेकिन जो शिक्षित लोग हैं, वे भी प्राय: अपने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति उदासीन नजर आते हैं। अब जमाना बदल गया है। यदि आप एक उपभोक्ता हैं और किसी भी प्रकार के शोषण के शिकार हुए हैं तो अपने अधिकारों की लड़ाई लड़कर न्याय पा सकते हैं।

जिला उपभोक्ता फोरम रायपुर के सदस्य संग्राम सिंह भुवाल की मानें तो खरीदी गई किसी वस्तु, उत्पाद अथवा सेवा में कमी या उसके कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के बदले उपभोक्ताओं को मिला कानूनी संरक्षण ही उपभोक्ता अधिकार है। कई प्रकरणों में लोगों ने फोरम के दरवाजे खटखटाए, जहां न्याय मिला।

कौन है उपभोक्ता और क्या हैं उपभोक्ता अधिकार?

– हर वो व्यक्ति उपभोक्ता है, जिसने किसी वस्तु या सेवा के क्रय के बदले धन का भुगतान किया है।

– खरीदी गई किसी वस्तु या सेवा में कोई कमी है तो फोरम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

– किसी भी प्रकार के शोषण या उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।

इन पर हों जागरूक

– कोई वस्तु अथवा सेवा लेते समय भुगतान करते हैं, बदले में उसकी रसीद नहीं लेते।

– जो भी वस्तु, सेवा अथवा उत्पाद खरीदें, उसकी रसीद अवश्य लें।

– रसीद के तौर पर कोई सबूत ही नहीं है तो मामले की पैरवी नहीं कर पाएंगे।

– दुकानदार से बहस तो करते हैं, लेकिन उपभोक्ता सुविधा को लेकर जागरूक नहीं

– सामग्री खरीदते समय कीमत, मैन्युफैक्चरिंग तिथि, एक्सपायरी डेट नहीं देखते।