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पिता के साथ ठेले पर बचपन में बेचता था सब्‍जी, अब ‘जज’ बनकर करेंगे समाजसेवा

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-जे-2018 परीक्षा (UP PCS-J FINAL RESULT 2018) का परिणाम हाल ही में घोषित हुआ है. जौनपुर के महराजगंज थाना के सराय दुर्गादास गांव के रहने वाले अमित मौर्य ने पीसीएस-जे परीक्षा में सफलता का परचम लहराया. लेकिन अमित की लाइफ की कहानी भी बहुत संघर्ष भरी रही हैं. आपको बता दें कि अमित बचपन में अपने पिता के साथ ठेले पर सब्जी बेचने में मदद करते थे. उनके जीवन की एक ही लक्ष्य था, ‘जज’ बनकर समाज सेवा करना. इसी लक्ष्य को पाने के लिए काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय (बीएचयू) में दाखिल लिया.

हिम्मत कभी नहीं हारना चाहिए

बातचीत में अमित बताते हैं कि अगर कोई भी इंसान के अंदर लगन और मेहनत करने की क्षमता हो तो वो किसी भी मंजिल को असानी से हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा कि हिम्मत कभी नहीं हारना चाहिए, जीवन में उतार चढ़ाव बहुत आते है. पीसीएस-जे की सफलता के पीछे के सावल पर अमित ने कहा कि गुरु जी प्रोफेसर जेपी राय और माता-पिता का आर्शीवाद के कारण आज मैं पीसीएस-जे परीक्षा में सफल हुआ हूं.

बता दें कि अमित के पिता रामचंद्र मौर्य सब्‍जी का ठेला लगाते हैं. अमित भी बचपन में पिता के साथ सब्‍जी और साइकिल की दुकान संभालते थे. बीएचयू से एलएलबी और एलएलएम करने के बाद शोध कर रहे अमित मौर्य ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं थी. घर में बड़े भाई ऑटो गैरेज चलाते हैं, वहीं छोटा भाई सब्जी की दुकान करते हैं. आठ पर नेट की परीक्षा पास करने वाले अमित मौर्य ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद पिता जी मुझे पैसे भेजते थे. इसलिए हमारा एक ही लक्ष्य था, पढ़ाई और पीसीएस-जे परीक्षा को पास करना. अमित ने 457 रैंक हासिल की है.

आयोग के सचिव जगदीश ने रिजल्ट जारी किया है. पीसीएस-जे-2018 की प्रारम्भिक परीक्षा 16 दिसम्बर 2018 को आयोजित की गई थी जिसमें 38209 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. 5 जनवरी 2019 को घोषित प्रारम्भिक परीक्षा में 6041 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे. 30 और 31 जनवरी और एक फरवरी को लखनऊ और प्रयागराज में पीसीएस की मेंस परीक्षा आयोजित की गई थी. 13 जून को घोषित मेंस परीक्षा परिणाम में 1847 अभ्यर्थी सफल हुए थे. मेंस परीक्षा में 5795 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.