Home छत्तीसगढ़ 7 महीनों में 3658 महिलाओं का निकाला यूट्रस, बच्चादानी निकालने में छत्तीसगढ़...

7 महीनों में 3658 महिलाओं का निकाला यूट्रस, बच्चादानी निकालने में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर

0

आयुष्मान योजना लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ में महिलाओं की बच्चेदानी या गर्भाशय को निकालने के लिए किए जाने वाले ऑपरेशन में इलाफा हुआ है. इन ऑपरेशन के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर आ गया है. आयुष्मान योजना की ताजा रिपोर्ट से ये चौकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल सितंबर से लेकर अप्रैल 2019 तक देशभर में हुए बच्चेदानी के कुल ऑपरेशनों में 21.2 फीसदी ऑपरेशन केवल छत्तीसगढ़ में हुए है. जानकारी के मुताबिक इन सात महीनों के अंदर छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाल दिए है. छत्तीसगढ़ में गर्भाशय ऑपरेशन में हुआ ये इजाफा चौकाने वाला है. रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है.

आयुष्मान योजना की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 7 महीनों में प्रदेश में कुल 3658 महिलाओं का यूट्रस ऑपरेशन कर निकाला गया है. इसमे 15 से 29 वर्ष की 2.2 फीसदी, 30-39 वर्ष की 21.1 फीसदी, 40 – 49 वर्ष तक की 52.7 फीसदी, 50-59 वर्ष की 17.3 फीसदी और 60 वर्ष और ऊपर की 6.6 फीसदी महिलाएं शामिल हैं.

आईएमए के पदाधिकारी और हॉस्पीटल बोर्ड के चेयरमेन डॉ.राकेश गुप्ता के मुताबिक गर्भाशय ऑपरेशन के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है उसे किन्ही कारणों से या जानबूझकर हटा दी गई है. पहले भी ऐसे मामले आए है. क्यों गाइडलाइन हटाई गई है, इसे देखना चाहिए. ज्यादातर ऑपरेशन प्राइवेट अस्पतालों में होता है. ऐसे स्थिति में गाइडलाइन को लागू करना चाहिए. सरकार के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए काम का डाटा भी नहीं है, जो होना चाहिए. नोडल ऐजेंसि जैसी होनी चाहिए वैसा छत्तीसगढ़ में है ही नहीं.

विशेषज्ञ डॉक्टर ने कही ये बात:
सीनियर गाईनेकोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा सुर्यवंशी का कहना है कि गर्भाशय निकालने के बाद औवरी पर भी असर पड़ता है. यूट्रस निकालने के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. फिर कमर दर्द जैसे परेशानी महिलाओं को होती है. गर्भाशय को लेकर महिलाओं में अवेयरनेस लाने की बहुत जरूरी है.