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रिजर्वेशन फुल, वेटिंग टिकट भी मुश्किल, कई ट्रेनों में 20 अगस्त तक सीट नहीं

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ज्यादातर ट्रेनों में 20 अगस्त तक रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है। कुछ ट्रेनों में तो 25 अगस्त के बाद भी कई श्रेणियों में लंबी वेटिंग है। बकरीद और रक्षाबंधन के कारण भी यात्रियों का दबाव है। महाराष्ट्र की बाढ़ के कारण भी लंबी दूरी की कई ट्रेनें निरस्त हैं या रूट बदलकर चलाई जा रही हैं। ट्रेनों में मई-जून के अलावा त्योहारी सीजन में रिजर्वेशन मिल पाना मुश्किल होता है। लेकिन इस दफा अगस्त में भी ज्यादातर ट्रेनों में मारामारी के हालात बने हुए हैं। आगरा से भोपाल रूट पर जाने वाली ट्रेनों को या आगरा से पुणे और राजस्थान रूट की ट्रेनों में भी कमोबेश यही हालात हैं। यात्रियों के लिए तत्काल कोटा भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है।

 यह है वेटिंग की स्थिति 

तमिलनाडु एक्सप्रेस में 15 से 20 अगस्त तक स्लीपर में 135 से 81 तक वेटिंग है। यही हाल वातानुकूलित कोचों में हैं। किसी में रिगरेट तो किसी में लंबी वेटिंग है। पंजाब मेल में स्लीपर क्लास में 15 से 20 तक लंबी वेटिंग है। अन्य श्रेणियों में भी कन्फर्म टिकट नहीं है।

केरला एक्सप्रेस में 15 अगस्त को स्लीपर की वेटिंग 97 है। 18 अगस्त को 110 वेटिंग है। गोवा एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस, तेलंगाना एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, मंगला एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस में ज्यादातर श्रेणियों में सीट नहीं हैं। 

बंगलूरू जाने वाली कर्नाटका एक्सप्रेस में भी वेटिंग 200 तक पहुंच गई है। आगरा होकर पुणे जाने वाली झेलम एक्सप्रेस में 15 से 21 अगस्त तक वेटिंग है। मरुधर एक्सप्रेस, अजमेर सियालदाह, निजामुद्दीन जबलपुर आदि में भी सीट नहीं है।

आगरा के जीवनी मंडी निवासी दीपक गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा बंगलूरू में इंजीनियरिंग कर रहा है। उसके पास वहां जाने के लिए आरक्षण कराने की कोशिश की मगर कर्नाटका एक्सप्रेस में आरक्षण नहीं मिल सका। अब उसे यहां बुला रहे हैं।

मधु नगर की डेनिस सिल्वेरा ने बताया कि मुंबई जाने वाली ट्रेनों में आरक्षण मिलना मुश्किल हो गया है। तत्काल कोटे के लिए भी मारामारी है। एजेंटों का दखल रहता है। आम लोगों को इस कारण भी परेशानी हो रही है।