Home देश मोदी सरकार सतर्क, आसमान छू रहे प्याज के दाम

मोदी सरकार सतर्क, आसमान छू रहे प्याज के दाम

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आने वाले त्योहारों और राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्याज के बढ़ती कीमतों ने केंद्र सरकार की नींद उड़ा दी है। एक तो टमाटर और साग सब्जियों के दाम वैसे ही भारी बारिश के चलते आसमान छू रहे हैं उसपर से अब प्याज की कीमतों ने भी लोगों के आंखों से आंसू निकालना शुरु कर दिया है। खुदरा बाजार में प्याज 35 से 40 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।

प्याज के जमाखोरों को सरकार की चेतावनी

प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें नेफेड के एमडी और एनसीसीएफ के प्रतिनिधि भी शामिल हुये। इस बैठक में प्याज की कीमतों पर नकेल कसने के लिये कई फैसले लिये गये। वहीं प्याज के जमाखोरों और मुनाफाखोरों को अपनी हरकत से बाज आने की चेतावनी दी गई है। सरकार ने बयान जारी कर कहा कि प्याज की मुनाफाखोरी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी।

23.90 रुपये प्रति किलो प्याज बेचेगा सफल

इस बैठक में फैसला लिया गया है कि 21 अगस्त को सफल के स्टोर पर जो प्याज की कीमत उससे ज्यादा कीमत पर प्याज नहीं बेचा जाएगा। सफल अपने स्टोर के जरिये 23.90 रुपये प्रति किलो की कीमतों पर ए ग्रेड का प्याज बेचेगा। सफल ने अपने प्याज बेचने की क्षमता को दोगुमा करने को कहा गया। वहीं नेफेड और एनसीसीएफ से अपने आउट्लेट और मोबाइल वैन के जरिये उसी कीमत पर प्याज बेचने को कहा गया जिस दर पर सफल खुदरा बाजार में प्याज बेचेगा।

प्याज की कीमतों पर सरकार की पैनी नजर

सरकार ने फैसला लिया है कि अपने बफर स्टॉक से लागत मुल्य के आधार बड़े खुदरा व्यापारियों को प्याज बेचेगी। सरकार ने कहा है कि प्याज की कीमतों पर वो लगातार अपनी नजर बनाये रखेगी। सरकार ने धमकी देते हुये कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो प्याज की कीमतों को काबू में लाने के लिये वो मिनिमम एक्सपोर्ट (MEP)प्राइस को भी लागू कर सकती है।

प्याज ने निकाले थे बीजेपी के आंसू

दरअसल केंद्र में सताधारी पार्टी बीजेपी के दो दशक पहले प्याज की कीमतों ने आंसू निकाल दिए थे जब विधानसभा चुनावों में उसे प्याज की कीमतों के कारण करारी हार का सामना करना पड़ा था। मोदी सरकार किसी भी हालत में प्याज की कीमतों को बेकाबू नहीं होने देना चाहती क्योंकि 2 से 3 महीनों में तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जहां अभी बीजेपी की सरकारें है।