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जानिए क्या हुआ हाल जब आईएएस की नौकरी छोड़ बनने चले थे विधायक

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आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओम प्रकाश चौधरी छत्तीसगढ़ की खरसिया विधानसभा सीट से हार चुके हैं। चौधरी को कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल ने मात दी। चौधरी को जहां 77234 मत मिले वहीं उमेश पटेल ने 94201 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। बता दें कि रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओमप्रकाश चौधरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में भाजपा का हाथ थामा था। 2005 बैच के इस आईएएस अधिकारी ने 25 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दिया था।


साहब से नेता बने ये महानुभव सत्ता और सियासत वाली स्वप्निल दुनिया में नाम और शोहरत कमाने के खातिर अच्छी खासी आईएस की नौकरी छोड़ चुनावी मैदान में हाथ आजमाने चले थे, लेकिन जनता ने ऐसा फैसला सुनाया की उनके जीवन में न माया मिली न राम वाली कहावत सच हो गयी| साहब की नौकरी तो गयी ही साथ ही नेतागिरी और सत्तासीन होने का सपना धरा का धरा रह गया|
जी हां, ऐसा हुआ है रायपुर के सीनियर आईएस अधिकारी ओपी चौधरी के साथ| दरअसल इस अधिकारी को लगा था की मोदी की लहर और कमल की कश्ती पर सवार होकर चुनावी मैदान में बाजी मार लेंगे लेकिन जनाब के किस्मत ने खेल कर दिया, साहब को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ गया|
रायपुर के साहब को सत्ता और सियासत का लालच दिल में ऐसा समाया की उनको आईएस की शानो-शौकत वाली नौकरी बेकार लगने लगी| हर तरफ मोदी लहर और कमल की खुशबू में खोये आईएस ओपी चौधरी ने सोचा की क्यों ने नेतागिरी के फूलते-फलते धंधे में हाथ अजमाया जाये, और फिर क्या था नौकरी छोड़ चौधरी साहब ने चुनाव से कुछ दिन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया, लेकिन चुनावी समर ने साहब के साथ ऐसा खेल कर दिया की वो न घर के रहे न घाट के|
दरअसल, किस्मत को उनकी नेतागिरी रास न आई, जिसका नतीजा ये हुआ की छत्तीसगढ़ चुनाव में साहब को भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा| गौरतलब है की आईएस अफसर ओपी चौधरी ने नौकरी छोड़ कर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमायी थी, लेकिन विधायिकी की परीक्षा में जनता ने उन्हें ठेंगा दिखा दिया|