प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। एक द्रोणिका जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए मध्यप्रदेश पहुंच चुकी है, उसी ने पूरे प्रदेश को तरबतर कर दिया है। 24 सितंबर की शाम से बारिश ने गति पकड़ी, वह जारी रहेगी। मंगलवार, बुधवार को रायपुर और मध्य छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई, तो गुरूवार को बिलासपुर और सरगुजा संभाग में जमकर बदरा बरसे।
गुरूवार को रायपुर में दिनभर धूप खिली रही, लेकिन शाम होते ही बादलों ने फिर डेरा जमा लिया और अच्छी बारिश हुई। प्रदेश में बीते 36 घंटे में 56 मिमी बारिश हो चुकी है। अब कुल बारिश का आंकड़ा 1198 मिमी जा पहुंचा है, जो 1200 मिमी से महज कुछ दूर है।
शुक्रवार को यह आंकड़ा टूटना तय है। गुजरते मानसून की इस बारिश ने सरकार और किसानों के चेहरे पर रौनक लौटा दी है। अच्छी खबर इस लिहाज से भी है कि कम बारिश वाले पांच जिले जशपुर, जांजगीर, मुंगेली, सरगुजा, कोरबा के आंकड़े भी सुधार रहे हैं।
पूर्वानुमान
प्रदेश मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में प्रदेश के सरगुजा व बिलासपुर संभाग के कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ मध्य छत्तीसगढ़ के भी कुछ हिस्सों में बारिश का पूर्वानुमान है। रायपुर में भी हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। बतां दें कि इस सिस्टम के इतने मजबूत होने का पूर्वानुमान मौसम विभाग को नहीं था।
बिलासपुर में लौटता मानसून कर रहा तेज बारिश
मानसून लौटने को है। इससे पहले ही तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को भी सुबह से घने बादल छाए रहे। फिर बारिश शुरू हो गई। रुक-रुककर तेज बारिश शाम तक होती रही। इसके चलते शहर की निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं। इधर मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी कर गुरुवार को भी जिले में कहीं-कहीं मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इन दिनों कर्नाटक के अंदरुनी हिस्से में और आसपास लगा हुआ रायलसीमा व तेलंगाना में एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है। यह माध्य समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तारित है। साथ ही ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चिम की ओर झुका हुआ है।
माध्य समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक एक द्रोणिका चक्रवाती घेरे के माध्य से होते हुए झारखंड तक बना हुआ है। यह तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़ और ओडिशा के अंदरुनी हिस्से से होकर गुजर रही है। इस तरह एक मजबूत सिस्टम तैयार हुआ है। इसी के चलते मंगलवार की रात में भी अच्छी बारिश हुई थी।
इसका नतीजा यह रहा कि बुधवार को सुबह 8.30 बजे मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 9.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। वहीं सुबह भी घने बादल छाए रहे। सुबह 11 बजे तक बूंदाबांदी होती रही। इसके बाद झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। एक घंटे तक लगातार बरसने के बाद कुछ देर के लिए बारिश थमी, लेकिन इसके बाद फिर तेज बारिश होने लगी। इस तरह रुक-रुककर पानी बरसता रहा।
शाम 5.30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक 19.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। रात में भी इसी तरह के हालात बने रहे। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से कहा गया है कि अगले 24 घंटे में बिलासपुर समेत अन्य जिलों में एक से दो स्थानों पर मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
इधर, तेज बारिश के चलते शहर की कई निचली बस्तियों में सड़कों व गलियों में पानी भर गया। लोग इससे फिर दहशत में आ गए। मालूम हो कि बीते माह हुई इसी तरह की बारिश से इन इलाकों के कई घरों में पानी घुस गया था। ऐसे में कुछ देर और बारिश होने पर वही स्थिति बन सकती थी। हालांकि अभी भी तेज बारिश की संभावना जताने पर यह आशंका बनी रहेगी।
इन इलाकों में दहशत
पुराना बसस्टैंडः पुराना बसस्टैंड के सामने श्रीकांत वर्मा मार्ग क्षेत्र व विद्यानगर इलाके की नालियों का पानी आता है। निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां हल्की बारिश में ही पानी भर जाता है। बुधवार को भी यहां सड़क पर पानी भरा रहा। इससे आवाजाही करने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
विद्या नगरः नालियों की सफाई के बाद भी विद्या नगर व विनोबा नगर क्षेत्र में संकरी नालियों के चलते बारिश में दिक्कत होती है। इस बार भी इसी तरह की स्थिति रही। सीएमडी चौक से ठीक पहले इस मार्ग पर पानी भर गया। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई। बाद में बारिश कम होने पर लोगों को राहत मिली।
कुम्हार पाराः तालापारा से लगे कुम्हार पारा में निकासी व्यवस्था नहीं होने और बस्ती के निचले इलाके में होने की वजह से यहां भी बारिश का पानी भरने लगा। लोगों की दिक्कत बढ़ गई। कई घरों से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया। वहीं घरों में पानी घुसने का खतरा बना रहा।
जोरापाराः जोरा तालाब के किनारे नालियों का पानी यहां के मुख्य मार्ग के बाजू में बने वाली नाली से होकर आती है। यहां के निचले इलाके में भी बारिश का पानी भरने लगा। इससे लोग दहशत में आ गए और निकासी दुरुस्त करने की कोशिश में जुटे रहे। जोरा पारा समेत सरकंडा क्षेत्र के कई अन्य मोहल्लों में बिरकोना क्षेत्र के खेतों का पानी आता है। इसी के चलते यहां ज्यादा दिक्कत हो जाती है। इस बार भी ऐसे ही हालात बने रहे।