Home व्यापार गांवों में खुलेंगे अमूल कैफे, म‍िलेंगे सभी डेयरी प्रोडक्ट

गांवों में खुलेंगे अमूल कैफे, म‍िलेंगे सभी डेयरी प्रोडक्ट

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सरकार की मदद से जल्‍द गांवों में अमूल कैफे खुलेंगे। जी हां शहरों की तर्ज पर जल्द ही गांवो में आइसक्रीम समेत सभी डेयरी प्रोडक्ट मिलेंगे। इसे लेकर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और गुजरात बेस्ड अमूल के बीच एक करार हुआ है, जिससे कोई भी सीएससी चलाने वाला ग्रामीण स्तरीय उद्ममी (वीएलई) अमूल कैफे खोल सकेगा। कैफे खोलने के लिए अमूल की तरफ से वीएलई को पूरा तकनीकी सहायता दी जाएगी।पहले चरण में खोले जाएंगे 100 अमूल कैफे

बता दें कि कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) गांवों में सरकारी सेवाओं को डिजिटल तरीके से पहुंचाने में मदद करता है। देशभर में करीब 3.5 लाख सीएससी सेंटर हैं। वहीं जानकारी दें कि इन सभी सीएससी सेंटर पर अमूल के आउटलेट खोले जा सकेंगे। सीएससी ई-गवर्नेंस सीईओ दिनेश त्यागी के मुताबिक पहले चरण में गुजरात में 100 अमूल कैफे खोले जाएंगे, जिन्हें जल्द ही गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में खोला जाएगा। त्यागी के मुताबिक अमूल के साथ इस तरह के फैके देशभर में खोलने के लिए करार हुआ है।

किन चीजों की होगी जरूरत

इस बात से भी अवगत करा दें कि अमूल कैफे खोलने के लिए वीएलई को दो फ्रीजर की जरूरत होगी। इसमें से एक आइसक्रीम रखने के लिए होगा और दूसरा डेयरी प्रोडक्ट रखने के लिए होगा। हालांकि वीएलई को अमूल कैफे खोलने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर 25,000 हजार रुपए जमा करना होगा।

सरकार सख्त हुई दूध की क्वालिटी कंट्रोल पर

दूसरी ओर बता दें कि दूध की शुद्धता को बरकरार रखने और उसकी गुणवत्ता और बेहतर करने लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने नए नियम लागू करने का ऐलान किया है। जो कि 1 जनवरी 2020 से संगठित क्षेत्र की कंपनियां जैसे मदर डेरी, अमूल, पारस को भी अपने दूध के सैंपल की जांच एफएसएसएआई की लैब में कराना होगी। बता दें कि इससे पहले देश की बड़ी कंपनियों के रॉ और प्रोसेस्ड दूध में मिलावट सामने आई है। बता दें क‍ि फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई की एक स्टडी में सामने आया है कि कई बड़े ब्रांड दूध की निर्धारित क्वालिटी और स्टैंडर्ड्स पर फेल हो गए है। आपको बता दें कि दूध की शुद्धता को लेकर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, 41 फीसदी प्रोसेस्ड और कच्चा दूध गुणवत्तापूर्ण के पैमाने में कम है। वहीं, 41 फीसदी दूध में फैट और एसएनएफ यानी सोलिडस नॉट फैट का मात्रा भी तय मानकों से कम पाई गई है।