Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी अरुण उरांव भाजपा में शामिल

छत्तीसगढ़ : कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी अरुण उरांव भाजपा में शामिल

0

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सह-प्रभारी रहे डॉ अरुण उरांव अपने गृह प्रदेश झारखंड में बुधवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। कांग्र्रेस में रहते छत्तीसगढ़ में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में उनका अंतिम प्रवास बस्तर में हुआ था। उरांव चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव के सिलसिले में एक सप्ताह पहले 16 अक्टूबर को जगदलपुर आए थे।

चार दिन वह यहां कांग्रेस नेता मनोहर लूनिया के होटल आकांक्षा में ठहरे थे जहां चुनाव में बाहर से आने वाले अधिकांश कांग्रेस नेताओं ने डेरा डाला था। यहां रहते हुए उन्होंने अपना अंतिम इंटरव्यू नईदुनिया को दिया था, जिसे नईदुनिया ने 21 अक्टूबर को प्रकाशित किया था।

बस्तर छोड़ने के पहले उरांव ने 19 अक्टूबर को चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुरेंगा में हुई चुनावी सभा में भी शिरकत की थी। राष्ट्रीय सचिव के साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस का सह-प्रभारी बनने के बाद डॉ अरूण उरांव ने विधानसभा चुनाव 2018 में बस्तर में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पीएल पुनिया के साथ मिलकर टिकट तय करने और चुनावी रणनीति तैयार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

आज यदि बस्तर भाजपा मुक्त होने की कगार पर है तो इसमें उरांव का योगदान है। उरांव चार दिन जगदलपुर में रहे, उपचुनाव में प्रचार की अंतिम दौर की रणनीति बनाई और अभियान का मार्गदर्शन भी किया लेकिन पूरे दिन वह अंदर ही अंदर भविष्य को लेकर निर्णय करने को लेकर जूझते रहे थे। नईदुनिया को दिए अंतिम इंटरव्यू में इसका संकेत भी उन्होंने दिया था लेकिन वह कांग्रेस छोड़ चले जाएंगे, इसका अंदाजा कांग्रेस के उन नेताओं को भी नहीं था जो उन्हें घेरे हुए थे।

कठिन निर्णय था पर उपेक्षा ने मजबूर किया

भाजपा ज्वाइन करने के बाद नईदुनिया को फोन पर डॉ अरूण उरांव ने अपने निर्णय पर चर्चा की। उनका कहना था कि वह झारखंड से हैं और अपने प्रदेश और क्षेत्र के लिए योगदान देना चाहते हैं। उरांव ने कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ के लोगों, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं विशेषकर बस्तर के पार्टीजनों से बहुत सम्मान मिला।

इसके लिए वह छत्तीसगढ़ और विशेषकर बस्तर के ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक न एक दिन भविष्य को लेकर निर्णय करना ही पड़ता है। निर्णय कठिन था पर जिस तरह से झारखंड राज्य में उनकी उपेक्षा की जा रही थी उसने उन्हें पार्टी छोड़ने मजबूर किया।

पिता, सास, ससुर सभी मंत्री रहे

1992 के आइपीएस ऑफिसर रहे डॉ अरूण उरांव के पिता बंदी उरांव भी आइपीएस थे। बंदी उरांव चार बार विधायक और एक बार मंत्री रह चुके हैं। अरूण उरांव के ससुर कार्तिक उरांव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल और सास श्रीमती सुमती उरांव पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। अरुण उरांव पंजाब कैडर के आइपीएस थे। 2014 में नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीति में कदम रखा था।