मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार के कोयला खान मंत्री श्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर एम.एम.डी.आर. एक्ट 1957 के तहत मुख्य खनिजों की रायल्टी दरों को तीन वर्ष की अवधि के पश्चात पुनः संशोधित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि तीन वर्ष की अवधि के पश्चात खनिज की रायल्टी दरों में वृद्धि नहीं होने से छत्तीसगढ़ को खनिज राजस्व की हानि हो रही है, इससे राज्य द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन के लिए वित्तीय प्रबंधन में कठिनाई आ रही है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कोयला खान मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में खनिज रायल्टी राजस्व प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, इसके सुचारू संचालन के लिए उचित वित्तीय प्रबंधन आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा मुख्य खनिजों की रायल्टी दरों में निर्धारित समयावधि में संशोधन नहीं होने के कारण राजस्व प्राप्ति में प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि भारत सरकार खान मंत्रालय द्वारा पूर्व में मुख्य खनिजों की रायल्टी दरों में एक सितम्बर 2014 को संशोधन किया गया था। एक्ट की धारा के प्रावधान के अनुसार विगत संशोधन से तीन वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद एक सितम्बर 2017 से रायल्टी दरों में संशोधन किया जाना था, किन्तु आज पर्यन्त रायल्टी दरों में संशोधन नहीं किया गया है। उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री से मुख्य खनिजों की रायल्टी दरों में वृद्धि किए जाने संबंधी अधिसूचना शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया है, जिससे छत्तीसगढ़ को बढ़ी हुई दर पर खनिज राजस्व मिल सके।