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ऑनलाइन पढ़ाई की जगह वो कर्ज लेकर खेलता रहा गेम, जब नहीं चुका सका तो दोस्‍त ने की हत्‍या, जानें क्‍या है पूरा मामला

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कोविड-19 संक्रमण के दौर में हर बच्चों के हाथ में मोबाइल है और परिजन-अभिभावक समझ रहे हैं कि बच्चे पढ़ाई में लीन है लेकिन कई बच्चे जमकर ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं. ऐसी एक डरावनी खबर छत्‍तीसगढ़ के रायगढ़ से सामने आई है जहां ऑनलाइन गेम के चक्कर में एक नाबाल‍िग की जान चली गई. नाबाल‍िग ने ऑनलाइन गेम के चलते 75,000 का कर्ज लि‍या था और उस कर्ज को जब वह नहीं चुका सका तो कर्जदार ने उसकी हत्‍या कर दी. बताया जा रहा है क‍ि नाबाल‍िग के प‍िता जम्‍मू-कश्‍मीर में काम करते हैं और मां को मोबाइल के बारे में उतनी जानकारी नहीं है. मां को लगता था क‍ि उसका बेटा ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है ले‍किन वह ऑनलाइन गेम खेला करता था और उसके ल‍िए उसने कर्ज भी ल‍िया था.

रायगढ के कोसीर थाने क्षेत्र में गुम हुए एक नाबा‍ल‍िग का शव पुलिस ने बरामद कर किया. ग्राम उच्चभिट्टी से गायब नाबाल‍िग

लक्षेंद्र उर्फ लक्की खुंटे की उसके करीबी दोस्त चवन खुंटे ने ही हत्या की. नाबालिग की लगभग 5 दिन पुरानी लाश ग्राम उच्चभिट्टी कोसीर जाने के पगडंडी रास्ता में गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर सुनसान खपराखार से बरामद की गई. मृतक और आरोपी ने 10 मार्च की शाम शराब पार्टी की उसके बाद करीबन 75 हजार रुपये के पुराने उधार के पैसे और अन्य चीजों को लेकर विवाद हुआ. इसके बाद दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ और फिर आरोपी चवन खुंटे ने धारदार ब्लेड से मृतक के गर्दन में सामने तरफ वार किया. हत्‍या के बाद पकड़े जाने के डर से आरोपी ने शव को खेत में सुनसान जगह पर छुपा द‍िया.

ऑनलाइन गेमिंग बनी हत्या की वजह
ऑनलाइन गेमिंग के वजह से नाबाल‍िग कर्ज में डूब गया था और आरोपी से उधार लिए थे. आरोपी ने पुलिस के पास रिपोर्ट होने के बाद खोजबीन शुरू होने पर पुलिस को बरगलाने के लिए अपहरण की कहानी बनाने हेतु नाबालिग के मोबाइल से ही पैसों की मांग का मैसेज आरोपी ने अपने मोबाइल और लापता युवक के पिता के मोबाइल में भेजे. ताकि पुलिस का ध्यान उस पर न जाए. अन्य लोगों की खोज में लगे साथ ही पुलिस के साथ अगले दो दिनों तक खोजने में सहयोग का नाटक करता रहा. गायब होने के दिन ही आरोपी के साथ एक ग्रामिण ने कहीं जाते देखा था. साथ ही प्राप्त सीसीटीवी में आरोपी के साथ उक्त नाबालिग के साथ होने का एक विडियों मिला था.
अपहृत लापता युवक के दादाजी विश्राम खुंटे के द्वारा 11 मार्च को अपहरण का मामला दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. पुल‍िस टीम कोसीर में कैंप लगाकर प्रकरण के सही पहलुओं पर लगातार मॉनिटरिंग करती रही. इतना ही नहीं इस मामले को जल्‍द सुलझाने के लिए रायगढ पुलिस ने अलग टीम बनाई ज‍िसने अपहृत के सभी दोस्तों से सगे संबंधी से पूछताछ की. पुल‍िस ने इस मामले की हर एंगल परिवारिक विवाद, जमीन संबंधी विवाद, प्रेम प्रसंग, रकम लेन-देन और अपहृत के क्रियाकलाप आदि पर पूछताछ की. इतना ही नहीं साइबर सेल द्वारा लगातार कई लोगों के कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला.

पुलिस को पूछताछ, कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी चवन की भूमिका संदिग्ध म‍िली. वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा भी अपहृत बालक को अंतिम बार आरोपी के साथ देखा गया था. उक्त सभी आधार पर आरोपी से पूछताछ की गई आरोपी के द्वारा लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था. कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी के द्वारा अपना अपराध कबुल लिया. घटना के 5 दिनों के भीतर अज्ञात आरोपी की पता साजी कर प्रकरण के आरोपी चवन लाल खुंटे पिता जगतराम खुंटे उम्र 25 वर्ष निवासी उच्चभिटटी के मेमोरेंडम कथन के आधार पर लापता युवक का शव व मोबाइल घटना में हत्‍या के ल‍िए इस्‍तेमाल क‍िया ब्लेड और वाहन को भी बरामद कर ल‍िया.