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देवेंद्र फडणवीस का आरोप- BJP नेता से मिलने के चलते रेमडेसिविर सप्लायर को परेशान कर रही उद्धव सरका

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महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार केंद्रशासित प्रदेश दमन के एक रेमडेसिविर आपूर्तिकर्ता (Remdesivir Supplier) को परेशान कर रही है, क्योंकि राज्य में इस दवाई की आपूर्ति के लिए भाजपा नेताओं ने उससे संपर्क साधा था.

फडणवीस ने शनिवार रात संवाददाताओं से कहा, ‘दमन स्थित ब्रुक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड रेमडेसिविर की निर्यातक है. महाराष्ट्र में इस दवा की कमी को देखते हुए हमने उससे संपर्क साधा था और इसकी खेप राज्य में भेजने को कहा था. हमने इस बारे में राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगणे को सूचित किया था और आवश्यक अनुमति के लिए केंद्र

सरकार से संपर्क किया था.’

फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर और विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड ने कुछ दिन पहले दमन जाकर ब्रुक फार्मा के अधिकारियों से मुलाकात की थी और उनसे निर्यात के लिए रखा गया माल महाराष्ट्र में बेचने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा, ‘कंपनी की ओर से उन्हें बताया गया कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें मंजूरी देंगे तो वे पूरा माल महाराष्ट्र को बेच देंगे.’

फडणवीस ने कहा, ‘रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने भी रेमडेसिविर के निर्यात योग्य माल की महाराष्ट्र में बिक्री के लिए आवश्यक आदेश दे दिए हैं, लेकिन मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि राज्य के एफडीए मंत्री के एक विशेष कार्याधिकारी ने भाजपा नेताओं के सुझाव पर केंद्र से बात करने को लेकर ब्रुक फार्मा के मालिक को कथित तौर पर धमकी दी.’ उन्होंने कहा कि इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘रेमडेसिविर की आपूर्तिकर्ता दवा कंपनी के एक निदेशक से पुलिस ने शीशियों के भंडार के बारे में पूछताछ की थी. विशेष जानकारी के आधार पर पुलिस ने पश्चिमी उपनगर के विले पार्ले में फार्मा कंपनी के निदेशक को पकड़ा था.’ अधिकारी ने बताया, ‘वह दवा निर्माता है और रेमडेसिविर की शीशियों के निर्यात का काम करता था.’

उन्होंने बताया, ‘निर्यात पर पाबंदी लगने के बाद, उसने कम से कम 60,000 शीशियों को जमा कर रखा था. राज्य और केंद्र सरकार ने उन्हें इस माल को बाजार में बेचने की इजाजत दी थी. चूंकि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है इसलिए मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की. उनसे माल के बारे में पूछताछ की गई जिसके बाद उन्होंने आवश्यक दस्तावेज दिखाए.’