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चुनावी वादों पर चिंतन:कांग्रेस की घोषणापत्र क्रियान्वयन समिति ने लिया चुनावी वादों का हिसाब, मुख्यमंत्री ने गिनाए सरकार के काम

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरा होते ही चुनावी वादों पर चिंतन शुरू हो गया है। कांग्रेस की घोषणापत्र क्रियान्वयन समिति ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने वादों का हिसाब लिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार के काम गिनाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस संचार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया भी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, सरकार ने सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी का बड़ा फैसला किया। करीब 19 लाख किसानों के 9 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफ हुए। किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति कि्ंवटल देने की शुरूआत की। उन्होंने कहा, केंद्र ने इसमें रुकावट डाली तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू किया गया।

वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 19 लाख किसानों को चार किस्तों में 5 हजार 628 करोड़ रुपए की इनपुट सहायता दी गई। वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान सहित अन्य निर्धारित फसल बेचने वाले 22 लाख किसानों को 5 हजार 700 करोड़ रुपए देने की शुरुआत हो गई है।

अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना को विस्तारित कर दिया है। इसके तहत अब खरीफ 2021 से धान के साथ-साथ गन्ना, मक्का, सोयाबीन और कोदो-कुटकी पैदा करने वाले किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही 2020 में जिन किसानों ने जिस रकबे में धान की खेती की थी उस रकबे यदि वह अब धान के बदले अन्य चिन्हित फसलों का उत्पादन अथवा वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें 10 हजार रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से इनपुट सब्सिडी मिलेगी।

प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, कांग्रेस सरकार ने ढाई साल के कार्यकाल में 36 वादों में से 24 को पूरा कर लिया है। जल्दी ही सभी वादों को पूरा करने की ओर बढ़ा जाएगा। बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया, घोषणापत्र क्रियान्वयन समिति ने सरकार और पार्टी के कामकाज की प्रशंसा की है।

सस्ती बिजली, एक रुपए में चावल की बात बताई
मुख्यमंत्री ने बताया, बिजली बिल हाफ योजना 1 मार्च 2019 से लागू है। इसमें सभी घरेलू उपभोक्ताओं को खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर आधी राशि की छूट दी जा रही है। इससे पहले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 4.50 रू. देने पड़ते थे अब 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रति यूनिट सिर्फ 2.30 रू. देने पड़ रहे हैं। प्रदेश के 65 लाख परिवारों को हर महीने पात्रतानुसार चावल भी दिया जा रहा है। अंत्योदय परिवारों को यह 1 रुपए प्रति किलो की दर से 35 किलो चावल देने का वादा निभाया है।

गोधन न्याय योजना का भी जिक्
मुख्यमंत्री ने समिति को गोधन न्याय योजना की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, योजना से 100 करोड़ रू. से ज्यादा की गोबर खरीदी हो चुकी है और कैसे अत्यंत गरीब परिवारों की जिन्दगी में बदलाव आया है।

केंद्र सरकार पर काम में अड़ंगा लगाने का आरोप भी लगाया
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर राज्य सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में धान प्रमुख फसल होने के कारण बड़े पैमाने पर समर्थन मूल्य में इसकी खरीदी करनी होती है। लेकिन केन्द्र सरकार सेन्ट्रल पूल के लिए हमसे अधिक चावल लेने में आना-कानी करती है। इसकी वजह से हमारे धान अथवा चावल का समुचित उपयोग नहीं हो पाता।

छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी ताकि राज्य को इस घाटे से उभरा जा सके, लेकिन केन्द्र ने यह अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गन्ने का समर्थन मूल्य देश में सबसे अधिक है। लेकिन प्रदेश में शक्कर कारखानें नुकसान में चल रहे हैं, अभी हमने गन्ने से भी एथेनॉल बनाने के लिए एमओयू किए हैं जिसके नतीजे अगले वर्ष तक मिलने लगेंगे।