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कोविड आपातकालीन रणनीति बनाने वाले ग्रुप की चेतावनी, आने वाले दिनों में 4-5 लाख केस आ सकते हैं रोजाना

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देश में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ-साथ तीसरी लहर के आने की संभावना लगातार जताई जा रही है। तमाम राज्य सरकारें तीसरी लहर को लेकर तैयारियां भी कर रही हैं। इस बीच कोविड आपातकालीन रणनीति तैयार करने वाले एक ग्रुप ने केंद्र सरकार को ये सलाह दी है कि हमें आने वाले दिनों में 4-5 लाख केस प्रतिदिन की स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। इस ग्रुप के अधिकारियों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में कोरोना के डेली केस 4-5 लाख आ सकते हैं।

काफी दिनों से 50 हजार से कम आ रहे हैं कोरोना के केस

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस ग्रुप के अधिकारियों ने सरकार से कहा है कि हमें किसी भी हाल में कोरोना के प्रतिदिन मामलों की संख्या 50 हजार से उपर नहीं जाने देनी है, इसके लिए जो भी कदम उठाए जाएं, वो उठाने चाहिए। बता दें कि पिछले काफी दिनों से देश में कोरोना के नए केस 50 हजार से नीचे ही आ रहे हैं। रविवार को भी कोरोना के नए केस 39742 दर्ज किए गए।

कोविड ग्रुप ने सरकार को दिए ये सुझाव

– इस ग्रुप के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार को कोरोना के नए मामलों की संख्या को 50 हजार से उपर नहीं जाने देना चाहिए। इसके लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाए। अधिकारियों ने बताया कि भयावह स्थिति से बचने के लिए कोविड टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत है।

– इसके अलावा अस्पतालों में मेडिकल उपकरण बढ़ाए जाने चाहिए, जैसे कि ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, गैर आईसीयू बेड और इन सबके अलावा कोविड प्रोटोकॉल ( मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग) का कड़ाई से पालन और जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन की घोषणा भी की जाए।

– नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता वाले इस ग्रुप ने सरकार को कहा है कि आने वाले दिनों में 1-2 लाख आईसीयू बेड की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए कम से कम 2 लाख ICU बेड की व्यवस्था की जाए। इस ग्रुप ने कहा है कि सितंबर तक ही 1.2 लाख ICU बेड, 5 लाख ऑक्सीजन बेड और 10 लाख कोविड आइसोलेशन केयर बेड की व्यवस्था की जानी चाहिए।

– कोविड ग्रुप ने सरकार को कहा है कि आईसीयू बेड की 5 फीसदी और नॉन आईसीयू बेड की 4 फीसदी संख्या को चाइल्ड मेडिकल केयर के लिए रखा जाए, क्योंकि ये आशंका अधिक है कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चे प्रभावित हो सकते हैं।

– ग्रुप के अधिकारियों ने बताया कि आईसीयू बेड की सबसे अधिक जरूरत उत्तर प्रदेश (33 हजार) में सबसे अधिक होगी। यूपी के अलावा बाद महाराष्ट्र (17,865), बिहार (17,480), पश्चिम बंगाल (14,173) और मध्य प्रदेश (12,026) आईसीयू बेड की जरूरत होगी।