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हाथियों को खिलाएंगे संग्रहण केंद्रों का धान, सड़ रहे धान का निकलेगा समाधान

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धमतरी. जिला सहित प्रदेश के संग्रहण केंद्रों में सड़ रहा धान मार्कफेड के लिए सिरदर्द बन गया है। अब इसे खपाने के लिए सहकारी विपणन संघ का हैरतअंगेज फैसला सामने आया है। सन् 2019-20 के संग्रहित धान का उपयोग हाथियों के खाने के लिये किया जायेगा। मार्कफेड वन विभाग को निर्धारित दर पर धान बेचेगा। इस आदेश पर लोग चटखारे तो ले रहे हैं वहीं, अब यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित ने प्रधान वन संरक्षक वन्य प्राणी को पत्र लिखकर कहा है कि सचिव छग शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उप संचालक विभाग का पत्र क्रमांक एफ 4-9-2019-29-1 नया रायपुर 27 जुलाई 2021 का पत्र अवलोकन करें। जिसमें हाथी प्रबंधन के लिए गरियाबंद, बालोद, सरगुजा, रायगढ़, सूरजपुर, कोरबा, धमतरी, कांकेर एवं महासमुंद क्षेत्रों में उपार्जन लागत वर्ष 2019-20 का धान वन विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश है। धमतरी, कांकेर, बालोद, गरियाबंद जिले के लिए धान प्रदाय स्थल संग्रहण केंद्र जौंदा रायपुर, महासमुंद जिले के लिए संग्रहण केंद्र पिथौरा-महासमुंद, सरगुजा, रायगढ़ संग्रहण केंद्र मोपला जिला बिलासपुर, कोरबा जिले के संग्रहण केंद्र सेमरताल जिला बिलासपुर, सूरजपुर जिले के लिए संग्रहण केंद्र देवनगर लोधिमा जिला सूरजपुर से धान प्रदान किया जाएगा। पत्र में लिखा है कि इन स्थलों से धन प्राप्ति में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर अन्य संग्रहण केंद्रों से भी वर्ष 2019-20 का धान हाथी प्रबंधन के लिए प्राप्त किया जा सकेगा। धान की कीमत प्रति क्विंटल 2095.83 रुपये निर्धारित की गई है।

खराब धान का उपयोग, मिलेगा राजस्व

जिला कांग्रेस अध्यक्ष शरद लोहाना ने कहा कि संग्रहण केंद्रों में पड़े धान खराब हो जाएंगे। खराब धान को उपयोग में लाने शासन उचित व्यवस्था कर रहा है। हाथियों को खाना मिलने के साथ शासन को भी धान का राजस्व मिलेगा।

भाजपा ने कहा- अदूरदर्शिता और कुप्रबंधन

भाजपा जिला अध्यक्ष ठाकुर शशि पवार ने इसे प्रदेश सरकार की अदूरदर्शिता बताते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार आग लगने पर कुआं खोद रही है। समय पर मिलिंग नहीं होना, शासन के कुप्रबंधन को दर्शाता है। कभी शराब के लिए चावल बेचना, अब हाथियों को खिलाने के लिए वन विभाग को धान बेचना सरकार की अदूरदर्शिता तथा राजस्व की क्षति है।