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Delhi में बिजली जाने पर अब नहीं होगी टेंशन, पावर बैंक से होगी सप्‍लाई

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 द‍िल्‍ली में ब‍िजली की आपूर्ति को और मजबूत व सुदृढ़ करने के ल‍िये द‍िल्‍ली सरकार (Delhi Government) आने वाले समय में पॉवर बैकअप बैंक स‍िस्‍टम (Power Backup Bank System) भी तैयार करेगी. सरकार राजधानी के चारों ओर ऐसे पॉवर बैंकों (Power Bank) को बनाकर 600 मेगावॉट का एक नेटवर्क बनाने की योजना बना रही है, जिससे शहर के लिए एक पावर रिजर्व बन जायेगा और इससे उपभोक्ताओं को अत्यंत लाभ होगा.

टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) प्लांट रोहिणी में 10 मेगावाट क्षमता के साउथ एशिया के सबसे बड़े बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (Battery Energy Storage System) की शुरूआत की गई है.

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने इस स‍िस्‍टम का शुभारंभ करते हुये बताया है कि 10 मेगावाट का यह ऊर्जा भंडारण सिस्टम न केवल भारत में, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया (South Asia) में अपनी तरह का सबसे बड़ा और पहला है. इस स‍िस्‍टम का को टाटा पावर लिमिटेड के द्वारा ही डिजाइन किया गया है.

बिजली की कम मांग के समय किया जा सकेगा चार्ज
ऊर्जा मंत्री ने सिस्टम की कार्य प्रणाली के बारे में भी बताया और कहा कि इस सिस्टम को ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसे बिजली की कम मांग के समय चार्ज किया जा सकेगा और संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग ज्यादा मांग के दौरान किया जा सकेगा, जो दिल्ली के पूरे पावर ग्रिड (Power Grid) को स्थिर और मजबूत बनाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि इस स्टोरेज सिस्टम को ऊर्जा के रिन्यूएबल स्रोत जैसे कि सूर्य की ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय स्रोतों से भी चार्ज किया जा सकेगा.

बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसे केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) के जनोन्मुखी शासन मॉडल का हिस्सा बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) अपनी दूरदर्शी एवं जन समर्पित नीतियों के उपयोग से पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन गई है, जिस मॉडल को अब विभिन्न राज्यों में भी दोहराया जा रहा है.

10 मेगावाट का पावर बैंक, दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा और पहला
उद्घाटन करने के बाद सत्येंद्र जैन ने कहा क‍ि यह 10 मेगावाट का पावर बैंक, न केवल भारत में, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा और पहला है. इस बैटरी बैंक को कम बिजली डिमांड के दौरान चार्ज किया जा सकता है, जिससे एक ऊर्जा रिजर्व बन जायेगा जो कि जरूरत पड़ने पर पीक डिमांड के दौरान बहुत उपयोगी होगा.

उन्होंने आगे कहा क‍ि यह बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम किसी भी ऊर्जा प्रणालीगत उतार-चढ़ाव और अपने ऊर्जा रिजर्व के माध्यम से शटडाउन के खिलाफ ढाल के रूप में कार्य करके पूरे पावर ग्रिड को स्थिरता प्रदान करेगा.

बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम में लिथियम आधारित बैटरियां
सत्येंद्र जैन ने सुविधा की बारीकियों का ज‍िक्र करते हुये कहा कि इस बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम में लिथियम आधारित बैटरियां हैं, जो अन्य बैटरी की तुलना में बहुत जल्दी चार्ज हो जाती हैं. इसके अलावा प्लांट सिस्टमिक उतार-चढ़ाव के मामले में पावर ग्रिड की सुरक्षा और स्थिरीकरण के लिए एक घंटे में 10 मेगावाट तक का महत्वपूर्ण पावर बैकअप प्रदान कर सकता है.

बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को तैयार करने में आई 55 करोड़ की लागत
सत्येंद्र जैन ने टीपीडीडीएल संयंत्र (TPDDL Plant) के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों को ऊर्जा भंडारण प्रणाली को और अधिक कुशल एवं प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए. ऊर्जा मंत्री ने कहा क‍ि क‍ि इस सुविधा की लागत लगभग 55 करोड़ है.

लेकिन हम आगे नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ लागत कम करना चाहते हैं. इस सुविधा को एक प्रयोग के रूप में भी लिया जा रहा है, जिसकी हम एक महीने के समय में समीक्षा करेंगे और प्राप्त अनुभव का उपयोग राजधानी भर में ऐसे प्लांट स्थापित करने की ओर किया जाएगा.