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सामूहिक विवाह में घोटाला; अफसरों ने विवाहित जीजा-साली को मंडप में बिठाया, दोबारा करा दी शादी.

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यूपी में फर्जीवाड़ा का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. प्रदेश के महाराजगंज जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अधिकारियों ने ऐसी लापरवाही की कि आप सुनेंगे तो हंसी छूट जाएगी. जी हां, यहां सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत पहले से शादीशुदा लोगों को ही मंडप में लाकर बैठाया गया और उनकी दोबारा शादी करा दी गई. यही नहीं, ऐसे जोड़ों को सरकार की ओर से 51000 रुपए की सम्मान राशि का भी भुगतान करा दिया गया. गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी थे. उन्होंने सामूहिक विवाह समारोह में शादी करने वाले नव वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया. अब जब मामले का खुलासा हुआ है, तो अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा और जांच की बात कही जा रही है.

दरअसल, महाराजगंज जनपद के कोल्हुई थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बड़िहारी निवासी अमरनाथ चौधरी शादीशुदा हैं. वहीं उनकी साली का भी विवाह हो चुका है. लेकिन बीते दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में ये दोनों अविवाहित युगल के रूप में पहुंचे और वहां शादी की. समाज कल्याण विभाग के अफसरों की लापरवाही से इन दोनों को सामूहिक विवाह योजना के तहत 51000 रुपए की सम्मान राशि भी दी गई. बाद में पता चला कि अमरनाथ चौधरी शादीशुदा है. कोल्हुई थाने के परासखांड़ गांव में रहने वाले ओमप्रकाश चौधरी की बेटी अनीता से उसकी शादी हो चुकी है और दो बच्चे भी हैं.

इसी महीने 13 अक्टूबर को महाराजगंज जिले में 233 जोड़ों की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह के तहत कराई गई. जनपद के एक मैरेज हाल में कार्यक्रम हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी शामिल हुए. इसके अलावा स्थानीय विधायक जयमंगल कनौजिया, डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार समेत समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. अब जब इस विवाह समारोह में शादीशुदा जीजा-साली के दोबारा विवाह का रहस्योद्घाटन हुआ है, तब से तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं.
जांच में दोषी पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
सामूहिक विवाह समारोह में फर्जी लाभार्थियों का खुलासा होने के बाद समाज कल्याण अधिकारी सुधीर पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे जोड़ों के पास से सामान की रिकवरी की जाएगी, साथ ही उस विवाह का सत्यापन करने वाले अधिकारी और कर्मचारी के ऊपर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी.