Home देश भारत बांड ईटीएफ से दिसंबर तक 10,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है...

भारत बांड ईटीएफ से दिसंबर तक 10,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है सरकार, जानिए डिटेल

0

सरकार भारत बांड ईटीएफ की अगली किस्त दिसंबर तक ला सकती है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि सरकार भारत बांड ईटीएफ से दिसंबर तक 10,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. इस राशि का इस्तेमाल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की वृद्धि की योजना में किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की कोष की जरूरत का आकलन किया जा रहा है और एक्सचेंज ट्रेडेड कोष (ईटीएफ) की तीसरी किस्त को चालू कैलेंडर वर्ष के अंत से पहले पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘अभी हम इस राशि को अंतिम रूप दे रहे हैं. लेकिन यह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी.’’

सिर्फ ‘एएए’ रेटिंग वाले बांड में निवेश
भारत बांड ईटीएफ एक एक्सचेंज ट्रेडेड कोष है जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बांड में निवेश करता है. ईटीएफ फिलहाल सिर्फ ‘एएए’ रेटिंग वाले बांड में निवेश करता है. ईटीएफ के जरिये जुटाई गई राशि का इस्तेमाल सीपीएसई या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज जुटाने की योजना में होता है. इससे उनकी पूंजीगत व्यय की जरूरत को भी पूरा किया जाता है.

भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश
भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रि‍या भी काफी आसान है. भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है. जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपन‍ियों के बांड में करता है. बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है.

कि‍न लोगों को है निवेश का अध‍िकार
वैसे इस बांड में निवेश करने का अध‍िकार हर किसी को है. कोई भी भारतीय निवानी, एनआरआई या कंपनी, फर्म एवं हिंदू अविभाजित परिवार भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है. भारत बांड में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना काफी जरूरी है. इसके बिना आप निेवेश नहीं कर सकते हैं.

क्‍या है निवेश के ऑप्‍शन
इंवेस्‍टर्स छोटी और लंबी दोनों अवध‍ि के लिए निवेश कर सकते हैं. अगर बात छो‍टी अवधि‍ के बांड की करें तो इसमें मैच्‍योरिटी 3 से 5 साल होती है. वहीं दूसरी ओर लंबी अवधि के बांड में निवेश की मैच्‍योरिटी 10 साल तक होती है. अगर आप रुपया निकालना चाहते हैं इसमें लॉक इन पीरियड नहीं होता है जिसकी वजह है शेयर बाजार में ट्रेडिंग होना. अगर निवेशक को किसी वजह से रुपया निकालना चाहता है तो वह एक्सचेंज में अपनी यूनिट बेच सकता है. उसी दिन के हिसाब से जो होगा निवेशक को रुपया मिल जाएगा.