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मांस फटने को हल्‍की चोट समझना बेवकूफी, विशेषज्ञ बोले, किडनी फेल से लेकर सिंड्रोम का खतरा

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सबसे पहलें जानें क्‍या होता है मांस फटना
डॉ. सतीश कहते हैं कि चोट लगने की स्थिति में अगर शरीर की मांसपेशी में ज्‍यादा खिंचाव आ जाता है या उस पर अधिक दवाब पड़ जाता है और उस जगह की ब्‍ल्‍ड वेसेल्‍स भी क्षतिग्रस्‍त हो जाती हैं तो उसे मांस फटना कहा जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि मांस फटने की वजह से खून निकलता है जबकि कई बार त्‍वचा के भीतर मांसपेशी को नुकसान पहुंचता है और मांस फट जाता है लेकिन बाहर खून नहीं निकलता. तेज दर्द होता है, वह जगह नीली पड़ जाती है, उसपर सूजन आ जाती है और 6 घंटे से ज्‍यादा रहती है तो समझना चाहिए कि मांस फटने की दिक्‍कत हुई है. अगर पैर में मांस फटा है तो दर्द होता है लेकिन पैर को जमीन पर रख सकते हैं और कुछ दूरी तक चल भी सकते हैं.

ये होता है हड्डी टूटना
किसी प्रकार की चोट लगने या दबाव पड़ने पर हड्डी की बनावट में दरार पड़ जाना या इसके ब्रेक होने जाने को फ्रैक्‍चर या हड्डी टूटना कहते हैं. इस दौरान बहुत ज्‍यादा दर्द होता है. उस स्‍थान पर सूजन भी आ जाती है. जैसे अगर पैर में हड्डी टूटी है तो पैर को नीचे नहीं रखा सकता और तीव्र दर्द होता है. वैसे तो कोई भी मेडिकल एक्‍सपर्ट हड्डी टूटने का पता लगा लेता है लेकिन कम ज्‍यादा का पता एक्‍सरे में चल जाता है. हड्डी टूटने पर उसे ठीक करने या उसके खिसक जाने या दो हड्डियों के बीच गैप आ जाने पर उसे ठीक करने के लिए डॉ. विशेष उपचार करते हैं जो कई हफ्ते तक चल सकता है.

मांस फटना क्‍यों है हड्डी टूटने जितना खतरनाक
डॉ. सतीश बताते हैं कि मांस फटना वैसे तो सामान्‍य कहा जाता है लेकिन अगर इसको बिना इलाज दिए छोड़ दिया जाए, जैसा कि कई बार लोग लापरवाही में कर देते हैं तो इसका काफी असर पड़ता है. मांस फटने के बाद कंपार्टमेंट सिंड्रोम के मामले सामने आते हैं. मान लीजिए कि हाथ या पैर में चोट लगी है और वहां का मांस फट गया है लेकिन उसका इलाज नहीं कराया गया तो उस जगह की मसल्‍स और लिंब पूरी तरह से डेमेज हो सकते हैं. वैस्‍कुलर सप्‍लाई कट सकती है. ऐसी स्थिति में कोशिश की जाती है कि गली हुई मसल्‍स को छोड़कर बाकी बची मसल्‍स को बचाया जाए लेकिन अगर यह डेमेज ज्‍यादा बढ़ जाता है या सभी मसल्‍स गल जाती हैं तो उस हाथ या पैर को काटना पड़ जाता है.