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किसानों के लिए खुशखबरी, बैंक खातों में पहुंचे 1770 करोड़ रुपये, 980 Cr. का भुगतान भी होगा जल्‍द

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) को लागू करने वाली बीमा कंपनियों ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में किसानों (Farmers) को फसल नुकसान (Crop Loss) के दावों का भुगतान करना शुरू कर दिया है. इस सप्ताह के अंत तक राज्य के 29.92 लाख किसानों के खातों में 1,770 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का दावा किया गया है. कृषि आयुक्त धीरज कुमार ने कहा कि शेष राशि अगले 7 दिनों में हस्तांतरित की जाएगी.

फसल के नुकसान के लिए कुल 47.61 लाख दावे प्राप्त हुए
दरअसल, महाराष्ट्र (Maharashtra) में मॉनसून (Monsoon) जुलाई और अगस्त में एक लंबे शुष्क मौसम के साथ खराब रहा है. हालांकि, अगस्त के बाद, मॉनसून ने जो पकड़ा और सितंबर-अक्टूबर में राज्‍य में ज्‍यादा बारिश देखने को मिली. महाराष्‍ट्र कृषि आयुक्त के कार्यालय को मध्य-मौसम प्रतिकूलता के साथ-साथ स्थानीय आपदा दोनों के लिए फसल के नुकसान के लिए कुल 47.61 लाख दावे प्राप्त हुए थे. कुल दावों की राशि 2,750 करोड़ रुपये थी.

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किए गए दावे
किसानों द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से दावे किए गए. राज्य के कृषि मंत्री दादासाहेब भूसे (Agriculture Minister Dadasaheb Bhuse) ने शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया था, क्योंकि कई जिलों में किसानों को बेमौसम बारिश के कारण पूरी फसल का नुकसान (Crop Loss due to Unseasonal Rain) हुआ था.

29.92 लाख लाभार्थियों को 1,770 करोड़ रुपये का भुगतान
इसके बाद किसानों (Farmers) के फसल नुकसान की जल्‍द भरपाई ना करने पर कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने एवं कृषि आयुक्त के कार्यालय द्वारा बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई किए जाने के बाद बीमा कंपनियों ने इस सप्ताह से भुगतान कार्यक्रम शुरू किया. रिपोर्ट के अनुसार, 10 दिसंबर तक 29.92 लाख लाभार्थियों को 1,770 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. शेष राशि का भुगतान आने वाले दिनों में किए जाने की उम्मीद है.

PMFBY के तहत किसानों को अपनी फसल का बीमा करने की सुविधा
PMFBY किसानों को मौसम की चरम घटनाओं के कारण होने वाले नुकसान के खिलाफ अपनी फसलों का बीमा करने की अनुमति देता है. इसके तहत किसान प्रीमियम का एक छोटा सा हिस्सा चुकाते हैं, जबकि केंद्र और राज्य सरकार अधिकतम हिस्सा देती है. किसानों ने नुकसान के लिए दावों को ऑनलाइन या ऑफलाइन दर्ज किया जाता है, जिसके बाद दावों का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाता है. अधिकांश किसानों के लिए यह योजना वैकल्पिक होने के बावजूद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नियमित नामांकन के साथ लोकप्रिय हो गई है. मराठवाड़ा और विदर्भ में नामांकन अधिक रहा है, जहां अत्यधिक जलवायु घटनाओं के कारण फसल का नुकसान अधिक है.