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क्या देश में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है, स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात

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क्या देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की शुरुआत हो चुकी है. इस मामले में अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा है लेकिन एक अध्ययन में इस बात के संकेत मिले हैं कि ओमिक्रॉन का अब देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है. इस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलियरी साइंसेज (Institute of Liver and Biliary Services) के अध्ययन में कहा गया है कि देश में ओमिक्रन वेरिएंट से जितने लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर का कोई ट्रेवल बैकग्राउंड नहीं है. क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग ने दिल्ली में ओमिक्रॉन के 264 सैंपल का विश्लेषण किया जिसमें 68.9 प्रतिशत स्ट्रेन डेल्टा और इसके सब लीनिएज के थे जबकि 31.06 प्रतिशत स्ट्रेन ओमिक्रॉन के थे. ओमिक्रॉन में 73.1 प्रतिशत स्ट्रेन BA.1 सब लीनिएज के पाए गए.

ओमिक्रॉन ने डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ा
स्टडी में यह भी पाया गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के ज्यादातर मामले बिना लक्षण वाले थे और इन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी. 264 पॉजिटिव मामलों में 72 फुली वैक्सीनेटेड थे और 39 .1 प्रतिशत का या तो ट्रेवल हिस्ट्री थी या किसी ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे. यह स्टडी 25 नवंबर 2021 से 23 दिसंबर 2021 के बीच पॉजिटिव मरीजों के सैंपल पर आधारित थी. इस स्टडी में शामिल शोधकर्ताओं का मानना है कि संक्रमण के मामलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ दिया है और इसकी बड़ी वजह कम्युनिटी ट्रांसमिशन रहा. यह देश में हुई पहली स्टडी है जिसमें दिल्ली में इस वेरिएंट के सामुदायिक संक्रमण के साक्ष्य मिले हैं. इस वेरिएंट के कारण लोग दोबारा कोरोना से संक्रमित हुए, अस्पताल में लोगों के भर्ती होने की दर घटी और ज्यादातर मामले कम लक्षण वाले रहे.

82 संक्रमितों में से 72 फुली वैक्सीनेटेड
स्टडी में कहा गया है कि हमारे अध्ययन से यह साबित हुआ है कि ओमिक्रॉन में बिना लक्षण के साथ तेजी से फैलने की दर बहुत अधिक है. यही कारण है कि यह दुनिया भर में बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. हमारे नतीजे बताते हैं कि ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन या कुदरती इम्यूनिटी बहुत कम हुई है. अध्ययन के मुताबिक ओमिक्रॉन के 82 संक्रमित मरीजों में से 72 ने वैक्सीन की दोनों खुराक ली थी. इनमें से 56 प्रतिशत ने कोविशील्ड वैक्सीन ली थी जबकि 12 प्रतिशत ने कोवैक्सिन 11 प्रतिशत ने फाइजर, चार प्रतिशत ने मॉडर्ना चार फीसदी ने स्पूतनिक वी और एक फीसदी ने जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन लगाई थी. इस तरह का अध्ययन भारत में पहली बार हुआ है जिसमें ओमिक्रॉन के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के साक्ष्य मिले हैं.